इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में तेज गति से विकास कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के विशेष प्रयासों से सांवेर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। सांवेर विधानसभा क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार तथा सुदृढीकरण की दिशा में अग्रणी हो गया है। इस विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगभग 35 करोड़ के अधिक से विकास कार्य हुए हैं।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने बताया कि सांवेर क्षेत्र में एक भी 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल नहीं था, आज की स्थिति में सांवेर और कनाडिया में 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर को 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कनाडिया को 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नत किया गया। उपस्वास्थ्य केन्द्र मांगलिया एवं गढ़ी को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में परिवर्तित किया गया।
इसी तरह विकासखण्ड सांवेर में 2312.27 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्रों के नवीन भवन निर्माण, कायाकल्प अंतर्गत उन्नयन एवं मरम्मत कार्य, चिकित्सकों एवं स्टाफ हेतु 2 एफ टाईप, 4 जी टाईप एवं 4 एफ टाईप आवासीय भवन निर्माण कार्य किये गये हैं। मांगलिया में साढ़े छ करोड़ रूपये की लागत से आयुष हॉस्पिटल और तलावली चांदा में साढ़े छ करोड़ रूपये की लागत से प्रदेश का पहला फूड एवं ड्रग लेब का निर्माण हो रहा है। लगभग 2 करोड़ रूपये की लागत से 5 आयुष औषधालयों के निर्माण की स्वीकृति भी कराई गयी है। सांवेर अस्पताल में 2 करोड़ 2 लाख रूपये की लागत से स्टाफ हेतु मल्टी क्वार्टर निर्माण की स्वीकृति मिली है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या वर्ष 2018 में 6 थी, जिसे बढ़ाकर अब 8 कर दिया गया है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। वर्ष 2018 में संख्या 25 थी, आज की स्थिति में 42 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं। प्रदेश का सर्वप्रथम संजीवनी क्लीनिक निपानिया में प्रारंभ किया गया। संजीवनी क्लीनिक अब 04 हैं। एम्बुलेंस की संख्या पहले 2 थी, अब जननी एवं 108 सहित कुल संख्या 6 हो गई। साथ ही 13 करोड़ रूपये की लागत से कम्पेल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के उन्नयन की मंजूरी भी मिली।
उन्होंने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए भी सांवेर क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए गए हैं। सांवेर क्षेत्र में अभी तक एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं था। अब एक करोड़ रूपये की लागत से एक ऑक्सीजन प्लांट लगवाया गया है, जिसकी क्षमता 250 लीटर प्रति मिनट क्षमता है। पूर्व में 03 वर्तमान में 100 ऑक्सीजन सिलेण्डर से ज्यादा उपलब्ध है।
अस्पतालों में मानव संसाधन में काफी विस्तार किया गया है। वर्ष 2018 में केवल 95 का चिकित्सकीय स्टाफ था। दिसम्बर 2022 की स्थिति में डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स एवं अन्य स्टाफ की संख्या 246 है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र क्षिप्रा प्रदेश का पहला केन्द्र बना जो NQAS(नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेण्डर्ड) के मापदण्डों पर खरा उतरा है। सांवेर सिविल अस्पताल कैंपस में 50 लाख रूपये की लागत से सर्व सुविधायुक्त पैथालॉजी लैब (ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट) की स्थापना की गई है। सांवेर विधानसभा क्षेत्र में 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 08 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 47 उप स्वास्थ्य केन्द्र, 133 आरोग्य केन्द्र, 04 संजीवनी क्लिनिक स्थापित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा प्रदेश का पहला संजीवनी क्लिनिक निपानिया में प्रारंभ किया गया है। कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुर्नवास केन्द्र (एन. आर. सी.) का उन्नयन किया गया है। गर्भवती महिलाओं की जाँच एवं प्रसव के लिए सर्वसुविधा युक्त लेबर रूम, ओ. टी. का उन्नयन किया गया। पूर्व में 25 उप स्वास्थ्य केन्द्र थे, अब 42 उप स्वास्थ्य केन्द्र, 09 नए उप स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में उन्नयन किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कायाकल्प अवार्ड योजना के अंतर्गत सांवेर विधानसभा की स्वास्थ्य संस्थाओं को गुणवत्तापूर्ण मापदण्डों के आधार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए कायाकल्प अवार्ड एवं कुल 06 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है।
सांवेर विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर, सिविल डिस्पेंसरी कनाडिया, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शिप्रा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कम्पेल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पालिया, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर कनाडिया, उप स्वास्थ्य केन्द्र धरमपुरी, उप स्वास्थ्य केन्द्र बुढी बरलाई, उप स्वास्थ्य केन्द्र पलासिया, बारोली, मकोडिया, मुरादपुरा, सोलसिंदा तथा माता बरोडी को कायाकल्प अवार्ड एवं पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है।
विधानसभा क्षेत्र सांवेर के अंतर्गत आने वाले लगभग 47 उपस्वास्थ्य केन्द्रों के मरम्मत एवं नवीन भवन निर्माण कर आवश्यक सामान्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। 42 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में सीएचओ की पोस्टिंग की गई। जिनके माध्यम से मरीजों को समुचित उपचार उनके निवास ग्राम में ही निःशुल्क प्राप्त हो रही है।
सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उप स्वास्थ्य केन्द्रों मे बीपी, शुगर, कैंसर, गर्भवती महिलाओं की जांचे व खून, मूत्र की जांच सुविधा उपलब्ध कराई गयी है। साथ ही पूर्व में 25 प्रकार की दवाईयां दी जाती थी, अब 100 से अधिक प्रकार की दवाईयां उप स्वास्थ्य केन्द्रो पर उपलब्ध हैं।सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपस्वास्थ्य केन्द्रों में बीपी, शुगर एवं हीमोग्लोबीन की जाँच डिजिटल मशीन द्वारा की जा रही है। वर्ष 2022 में स्वास्थ्य मेले का आयोजन कर चार हजार लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। विभिन्न प्रकार की जांचें कराई गयी। साथ ही आवश्यकता के अनुसार अनेक मरीजों के निःशुल्क ऑपरेशन सफलतापूर्वक कराए गए।
सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रति सोमवार व गुरुवार को एएनसी क्लिनिक का आयोजन व हाई रिस्क का चिन्हांकन कर उनका उचित उपचार किया जा रहा है। अनमोल पोर्टल द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं की ट्रेकिंग की जा रही है। प्रति माह 9 तारीख को महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। वर्तमान में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने से मरीजों की संख्या अस्पतालों में बड़ी है जिसमें ज्यादातर गर्भवती महिलाएं, बीपी, शुगर, मलेरिया, टीवी, टायफायड के मरीज शामिल है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर में ब्लड की उपलब्धता, साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर एनिमिया उपचार हेतु आयरन, सुकोस बाटल एवं दवाईयां उपलब्ध है। स्वास्थ्य केन्द्रों में पलंग, टेबल, पानी, वाशरूम, साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था वर्तमान में उपलब्ध है।
सांवेर लेब में लगभग 50 तरह की निःशुल्क जांचे हो रही हैं। नेत्र शिविर, हेल्थ शिविर, महिला स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर, नसबंदी शिविर, आयुष्मान शिविर, योगा शिविर, कोविड वेक्सिनेशन शिविरों का आयोजन समय-समय पर किया रहा है। कोविड के समय 200 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेन्टर सांवेर व मांगलिया में सर्वसुविधायुक्त बनवाये गये, जिसमें डॉक्टर, स्टाफ, पलंग, आक्सीजन, दवाईयां, खाना, फिल्टर पानी ट्रान्सपोर्ट की व्यवस्था की गई थी। कोविड के समय कोविड पेशेन्ट को घर पहुंच सेवाएं जैसे दवाईया, पेशेंट को एडमिट कराना व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। कोविड वेक्सिनेशन 100 प्रतिशत किया गया।