शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं अगर शनि मजबूत नहीं है तो व्यक्ति को बेहद ही कष्टों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है।
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो शनि की उतरती हुई साढ़े साती के दौरान लोगों को शुभ परिणाम मिलते हैं। इस दौरान कोर्ट-कचहरी के मामले में जीत हासिल होते हैं तो वहीं रुके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं। इस दौरान लोगों का मानसिक तनाव भी दूर होता है।
कब तक मिलेगी मुक्ति:
शनि का राशि परिवर्तन अब साल 2022 में 22 अप्रैल को होगा। जिसमें शनि मकर राशि से निकलर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परवर्तन से धनु राशि के जातकों को राहत मिलेगी। इस दौरान धनु राशि के जातकों को शुभ परिणाम मिलेंगे। 2022 में ही शनि देव एक बार फिर से वक्री हो जाएंगे और इसी अवस्था में मकर राशि में गोचर करेंगे।
12 जुलाई को शनि की चाल फिर से परिवर्तित होगी, जिसके कारण धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी। 17 जनवरी 2023 से 29 मार्च 2025 तक शनि कुंभ राशि में रहेंगे। मकर, कुंभ और मीन वालों पर शनि साढ़े साती रहेगी।12 जुलाई को शनि की चाल फिर से परिवर्तित होगी, जिसके कारण धनु राशि के जातकों फिर से साढ़े साती शुरू हो जाएगी।