शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुछ राशियां ऐसी भी हैं जिन पर शनि की विशेष कृपा रहती है। कहते हैं इन राशियों के लोगों पर शनि साढ़े साती या शनि ढैय्या का उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता जितना की अन्य राशियों के लोगों पर पड़ता है।
ये तीन राशियां हैं तुला, मकर और कुंभ। बता दें शनि मकर और कुंभ राशियों के स्वामी ग्रह हैं। जिस कारण इन दोनों ही राशियों के लिए शनि की कोई भी दशा उतनी कष्टदायी नहीं होती बल्कि इन राशि के लोगों को शनि की दशा के दौरान कुछ न कुछ लाभ प्राप्त होने के आसार रहते हैं।
वहीं तुला राशि की बात करें तो शनि इस राशि के स्वामी तो नहीं हैं लेकिन इस राशि में शनि की स्थिति उच्च होती है। जिस वजह से शनि इस राशि के लोगों पर भी विशेष तौर पर मेहरबान रहते हैं। बता दें तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र देव हैं। शनि शुक्र ग्रह के साथ मित्रता का भाव रखते हैं। कुंडली में इन दोनों ग्रहों का बनने वाला योग सबसे प्रभावी और मजबूत योग तक माना जाता है।
यदि कुंडली में ये दोनों ग्रह एक साथ हों और अन्य ग्रह भी अपने-अपने शुभ स्थान पर हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में तमाम सुख प्राप्त होते हैं। यदि ये दोनों ग्रह एक साथ कुंडली के सप्तम भाव में विराजमान हों तो ऐसे व्यक्ति को सुख, धन, दौलत सभी सुख प्राप्त होने के आसार रहते हैं। बता दें तुला राशि वालों पर इस समय शनि ढैय्या चल रही है। वहीं मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती। जिसमें से तुला वालों को 29 अप्रैल 2022 तक शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।