राष्ट्रीय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज यानि मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 40 हजार साल पहले के पूर्वजों को लेकर बयान दिया। इतना ही नही उन्होंने संघ के लिए कहा की RSS से जुड़ने के लिए कोई फीस नही लगती है।
उन्होंने कहा कि आज के 40,000 वर्ष पहले जो भारत था वो काबुल के पश्चिम से छिंदविन नदी के पूर्व तक और चीन की तरफ की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक जो मानव समूह आज है उनका डीएनए 40,000 वर्षों से समान है और तबसे ही हमारे पूर्वज भी समान ही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
उन्होंने आगे अपने वक्तव्य में कहा कि, पहले इंग्लैंड में 4 भाषाएं बोली जाती थी और अब केवल एक भाषा बोली जाती है। उन्होंने कहा कि संघ के खिलाफ कोई किसी को भी नहीं भड़क सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जोर और दबाव से कुछ करने से कोई फायदा नहीं है। हमारे देश में न एक पूजा है और न ही एक भाषा है और न ही एक जाति है।
देश का जिक्र रामायण और महाभारत
सेवा के क्षेत्र में संघ का अपना कोई स्वार्थ नहीं है। हमारे देश का जिक्र रामायण और महाभारत में भी है। उन्होंने कहा कि यदि बाहर से आक्रमण हुआ लेकिन फिर भी हम एक हैं। बाहर से आक्रमण हुआ फिर भी हम एक है। हम सबके पूर्वज समान हैं।
अखंड भारत से लेकर तिब्बत तक के लोगों का DNA समान है। यह साइंस भी कहती है कि किसी के पूजा पद्धति को बदलने का प्रयास मत करो। हम लोग आपस में जितना लड़े संकट के समय हम एक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि 4 बार जब युद्ध हुआ तब हम लोग एक थे और संघ की शाखा में हम किसी से किसी की जाति नहीं पूछते हैं।