जिस तरह से पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हो रही है। इस वजह से कई जिलों में जल भराव और बाढ़ जैसी हालात देखने को मिल रही है। वही आगरा जिले का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। गोकुल बैराज से कई हजार क्यूसेक पानी प्रति घंटे से छोड़ा जा रहा है। चढ़ते पानी ने आगरा जिले के आसपास के इलाकों के लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। अब दिल्ली के बाद आगरा में भी यमुना ने अपना भयंकर रूप धारण कर लिया है। यमुना का जलस्तर देख लोगों के चेहरे पर चिंता साफ-साफ नजर आ रही है।
अब ताजमहल परिसर की बाउंड्री के पास भी यमुना नदी का पानी पहुंच चुका है। यमुना का जलस्तर इस कदर बढ़ रहा है कि वह लॉ फ्लड लेवल को पार करते हुए मिडल लेवल 499 पर पहुंच गया है और यही एक वजह है कि कई इलाकों में यमुना का पानी तेजी से पहुंच रहा है। प्रशासन ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता देख मेहताब बाग स्थित ताज व्यू प्वाइंट को फिलहाल बंद कर दिया गया है।
45 साल बाद, आगरा में बाड़ जैसे हालात
सन 1978 के बाद आगरा में पहली बार अब बाढ़ जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ऐसी हालत हमने 1978 के बाद देखी है। जहां यमुना का पानी सड़कों तक पहुंच चुका है और इसी वजह से कहीं ना कहीं यमुना किनारे ऐतिहासिक इमारत में भी यमुना के पानी ने अपनी दस्तक दे दी है।
इन इलाकों के लोगों को हैं ज्यादा नुकसान
अब इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यह है कि यमुना का जलस्तर अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो ताजनगरी के हालात भी बिगड़ सकते हैं। सबसे ज्यादा नुकसान यमुना के किनारे रह रहे लोगों को होगा। जो किनारे पर कई सालों से अपना बसेरा बसाए हुए हैं। वहीं लगातार बढ़ रहे इस जलस्तर ने कई लोगों की चिंता बड़ा दी हैं।