उत्तर प्रदेश के गोंडा में जमीन विवाद के मामले में रिटायर्ड गन्ना कर्मचारी की हत्या का मामला सामने आया हैं। आरोपियों ने तीन दिन पहले अपहरण करके 11 लाख की फिरौती मांगी। मिली जानकारी के अनुसार बदमाशो ने पुलिस को गुमराह करने के लिए रूपए मांगे थे। इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच में जुट गई।
यूपी के गोंडा में कौड़िया थाना क्षेत्र के अंर्तगत घुचुवापुर में जमीन विवाद को लेकर कुछ लोगों ने 65 साल के रिटायर्ड गन्ना कर्मचारी की तीन दिन पहले हत्या कर दी थी। 16 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली थी कि कर्मचारी को कुछ लोगों ने अगवा कर 11 लाख की फिरौती की मांग की है। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच में क्राइम ब्रांच और एसओजी की टीम में जुटी।
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उन्होंने इस घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में गन्ने के खेत व नहर में जांच करना शुरू कर दी। जब तीन दिन बाद रामसेवक तिवारी का शव नहर में उतराता मिला तो पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। पुलिस के मुताबिक, पुलिस को गुमराह करने के लिए फिरौती की मांग बताई गई थी।
पुलिस के मुताबिक, पूरा प्रकरण जमीन विवाद को लेकर था जिसके कारण हत्या की गई। जब नहर में रामसेवक तिवारी का शव उतराता हुआ मिला तो पुलिस के साथ स्थानीय लोग भी हैरान रह गए। शव बरामद हुआ तो वह बोरे में बंद था और उसको नहर में डूबाने के लिए बकायदा ईट व पत्थर भरा गया था। इस घटना को छुपाने के लिए पूरी पटकथा लिखी गई थी लेकिन पुलिस ने पूरी घटना की गुत्थी सुलझा ली है। यह पूरी कहानी जमीन और पैसे को लेकर चल रही थी रामसेवक तिवारी सेवानिवृत्त हुए थे उनके पास लगभग 50 लाख की संपत्ति थी।