Republic Day 2022 : कल 26 जनवरी (26 January) है यानी कल 73वां गणतंत्र दिवस (73rd republic day) मनाया जाएगा। इस दिन को भारत में त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राजपथ पर भारत की संस्कृति, ताकत और विकास को दिखाया जाता है, जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात होती है। 26 जनवरी 1950 को भारत गणतंत्र के सूत्र में बांध गया था। ये दिन भारत के लिए सबसे बड़ा दिन था।
इस दिन भारतीयों के लिए देश के सबसे बड़े और सबसे ज्यादा प्रमाणिक दस्तावेज़ यानी भारत के संविधान के खुलने का दिन था। क्योंकि इस दिन देश में संविधान को लागु किया गया था। आज हम आपको गणतंत्र दिवस से जुड़ी कुछ 9 जरुरी बाते बताने जा रहे हैं। दरअसल, राष्ट्रीय त्यौहार की ऐसी बातें बताएंगे जो हर भारतीय को पता होना चाहिए। तो चलिए जानते है –
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ये है वो 9 बातें –
- भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसे बनाते वक्त अलग-अलग देशों के संविधानों की बातों को देख कर उन्हें जोड़ा गया है। वहीं जरूरत के हिसाब से वक्त-वक्त पर संशोधन किया गया।
- बता दे, संविधान सभा के 308 सदस्यों ने कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद ये संविधान लिखा है। ऐसे में 26 जनवरी के दो दिन पहले यानी 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो प्रतियों पर इन सदस्यों ने हस्ताक्षर किए और दो दिन बाद यानी 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया।। ये इसलिए क्योंकि 1930 में इसी दिन भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया गया था।
- इसके अलावा 26 जनवरी 1950 के दिन देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली के दरबार हाल में शपथ ली थी। उस वक्त पं. जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। इस दौरान मेहमान के रूप में उनके करीबी दोस्त माने जाने वाले इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो को आमंत्रित किया गया था।
- 26 जनवरी को एक दिन नहीं बल्कि 3 दिन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वहीं 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट के साथ यह समाप्त होता है।
- जानकारी के मुताबिक, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन होने वाली परेड शुरू से राजपथ पर नहीं हो रही है। दरअसल, 1950 से 1954 तक यह उत्सव अलग-अलग जगह मनाया गया जैसे – इर्विन स्टेडियम, लाल किला और रामलीला मैदान शामिल है। उसके बाद फिर1955 में राजपथ पर परेड हुई। तब से ही ये सिलसिला चला आ रहा है।
- बताया गया है कि राजपथ पर पहली बार जब परेड हुई तब विदेशी मेहमान भी आए थे। वहीं पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद भी इसमें शामिल हुए थे।
- ये तो आप सभी जानते है कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत ‘जन-गण-मन’ से होती है। साथ ही इस समारोह की समाप्ति में ‘सारे जहां से अच्छा’ और ‘Abide with me’ गीत से की जाती हैं। बता दे, ‘Abide with me’ एक क्रिश्चियन गीत है, जो महात्मा गांधी को बहुत पसंद था।
- इसके अलावा साल 2017 में पहली बार एनएसजी कमांडो ने गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था।
- 26 जनवरी 2018 का दिन खासतौर पर याद रखा जाएगा। ये इसलिए क्योंकि इस साल गणतंत्र-दिवस समारोह के लिए सभी दस आसियान देशों के नेता मुख्य-अतिथि के रूप में भारत आएंगे।
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