21 जुलाई 2025 को हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष पवित्र तिथि पड़ रही है, जिसे पवित्र एकादशी व्रत और भगवान विष्णु पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जा रहा है. इस दिन कामिका एकादशी का पावन पर्व है, जो सभी व्रतों और उपवासों में श्रेष्ठ मानी जाती है.
शास्त्रों में वर्णित है कि इस व्रत और कथा को श्रद्धा से सुनने और पालन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, सुख-समृद्धि, शांति और मोक्ष तक की प्राप्ति हो सकती है.
21 जुलाई 2025: क्या है विशेष?
इस दिन कामिका एकादशी है, जो श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है. इस बार यह तिथि शुभ योगों के साथ आ रही है – सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है, जिससे इसका पुण्य प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. यह व्रत विशेष रूप से घर में नकारात्मकता दूर करने और इच्छाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है.
विष्णु व्रत की पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार, एक गांव में एक क्रोधी और हिंसक योद्धा रहता था. एक दिन किसी ऋषि का अपमान करने के बाद उसे पापबोध हुआ. उसने मुनि से प्रायश्चित पूछा तो ऋषि ने कहा “श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को व्रत रखो, भगवान विष्णु की पूजा करो, और कामिका एकादशी की कथा सुनो.” उसने व्रत किया, पूजा की और कथा श्रवण किया. उसके सारे पाप नष्ट हो गए और जीवन में सुख-शांति लौट आई. मृत्यु के बाद वह विष्णुलोक को प्राप्त हुआ.
व्रत विधि (Vrat Vidhi)
प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें, व्रत का संकल्प लें – दिनभर उपवास रखें, भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र पर पीले फूल, तुलसी, चंदन, धूप, दीप चढ़ाएं “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें, कामिका एकादशी की कथा का श्रवण या पाठ करें, रात्रि को जागरण कर भजन-कीर्तन करें, अगले दिन द्वादशी को व्रत पारण करें – ब्राह्मण को भोजन व दान दें.
व्रत के लाभ
मानसिक तनाव और पापों से मुक्ति, रोग, ऋण और शत्रु बाधा से रक्षा, घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि, पुण्य की प्राप्ति जो अश्वमेध यज्ञ के बराबर मानी जाती है, मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है.