Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जिनका पालन करने से हम सुख, समृद्धि और शांति पा सकते हैं। जब हम वास्तु के नियमों का पालन करते हैं, तो हमारे कार्यों में सफलता और खुशियाँ आती हैं। लेकिन, यदि हम इन नियमों की अनदेखी करते हैं, तो परिणाम नकारात्मक हो सकते हैं।
विशेष रूप से अगर घर में तिजोरी हो, तो कुछ विशेष वस्तुएं ऐसी हैं जिन्हें वास्तु शास्त्र के अनुसार तिजोरी में रखना वर्जित है। अगर आप इन वस्तुओं को तिजोरी में रखते हैं, तो इसके कारण आपके धन, समृद्धि और सुख में कमी आ सकती है। आइए जानते हैं उन वस्तुओं के बारे में जिन्हें कभी भी अपनी तिजोरी में नहीं रखना चाहिए।

फ्री में मिली वस्तुएं, गहने और कपड़े
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कभी भी तिजोरी में फ्री में मिली वस्तुएं, गहने और कपड़े नहीं रखने चाहिए। यदि आप किसी से मुफ्त में कोई गहना, कपड़ा या अन्य सामान प्राप्त करते हैं, तो उसे तिजोरी में रखना शुभ नहीं माना जाता। इसके कारण घर में लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा में कमी आ सकती है। ऐसे सामान तिजोरी में रखने से न केवल धन का संचार रुकता है, बल्कि घर में समृद्धि भी कम हो सकती है। हमेशा अपनी तिजोरी में मेहनत से कमाया हुआ धन और कीमती वस्तुएं ही रखें।
टूटा हुआ या चटका हुआ आइना
वास्तु शास्त्र में यह भी कहा गया है कि तिजोरी में कभी भी टूटा हुआ या चटका हुआ आइना नहीं रखना चाहिए। हालांकि कुछ लोग अपनी तिजोरी में आईना रखते हैं, लेकिन अगर यह आइना टूट चुका है या उसमें कोई दरार है, तो इसे हटाना चाहिए। टूटा हुआ आइना नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और आपके वित्तीय हालात पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। अगर तिजोरी में आइना लगाना भी है, तो सुनिश्चित करें कि वह पूरी तरह से सही और बिना किसी नुकसान के हो। दक्षिण दिशा में तिजोरी होने पर इसे ध्यान से लगवाएं।
गलत तरीके से कमाया हुआ पैसा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप गलत तरीके से पैसे कमाते हैं, जैसे चोरी, ठगी या लूट से कमाए गए पैसे, तो इन्हें कभी भी अपनी तिजोरी में नहीं रखना चाहिए। इस प्रकार के धन से घर में दुर्भाग्य आता है और आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। इस तरह के पैसों को तिजोरी से बाहर रखें, क्योंकि यह न केवल आपके घर की खुशियाँ छीनता है, बल्कि यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है।
Disclaimer : इसमें दी गई सभी जानकारी ज्योतिष, धार्मिक ग्रंथों, पंचांग और सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Ghamasan.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।