बुद्धि की उल्टी चाल बनेगी वरदान, धन वर्षा के लिए तैयार रहें ये राशियां, अटके काम होंगे पूरे

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By Swati BisenPublished On: June 29, 2025
Mercury retrograde

18 जुलाई 2025 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर बुध ग्रह कर्क राशि में वक्री (रेट्रोग्रेड) हो जाएंगे। वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि, वाणी, व्यापार और तार्किक सोच का प्रतीक माना जाता है। जब यह ग्रह वक्री अवस्था में आता है, तो इसका सीधा असर इंसान की सोचने की क्षमता, संवाद शैली और निर्णय लेने की शक्ति पर पड़ता है। इस बार बुध का वक्री होना कर्क राशि में हो रहा है, जिसके स्वामी चंद्रमा हैं। ऐसे में यह समय भावनात्मक समझ, आत्मनिरीक्षण और पारिवारिक मामलों को अधिक प्रभावित करेगा।

हर साल बुध ग्रह 3 से 4 बार वक्री होता है। इस दौरान जीवन के कई पहलुओं में धीमापन, भ्रम और देरी महसूस की जाती है, विशेषकर कम्युनिकेशन, ट्रैवल, टेक्नोलॉजी और बिजनेस के मामलों में। लेकिन इस वक्री स्थिति को केवल नकारात्मक रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। कुछ राशियों के लिए यह समय आत्ममंथन, रिश्तों में सुधार और रचनात्मक ऊर्जा के रूप में कार्य करता है।

किसे मिलेगा लाभ? जानिए वो तीन भाग्यशाली राशियां

मिथुन राशि

मिथुन राशि स्वयं बुध की राशि है, और इस बार यह वक्री प्रभाव मिथुन राशि के द्वितीय भाव पर पड़ेगा। यह समय वित्तीय समीक्षा और सुधार के लिए उपयुक्त है। पुराने निवेशों से लाभ, रुका हुआ धन वापस मिलने और नई आय के स्रोत खुलने की संभावना है। इसके अतिरिक्त आपकी बातों में भावनात्मक गहराई आएगी, जिससे रिश्तों में सुधार होगा। मिथुन राशि के जातकों को इस समय राइटिंग, टीचिंग और मीडिया से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। यह समय खुद की स्किल्स को निखारने और बीते समय की गलतियों से सीख लेने के लिए आदर्श है।

कन्या राशि

कन्या राशि भी बुध की ही राशि है, और वक्री बुध का प्रभाव इसके ग्यारहवें भाव पर होगा। यह समय सामाजिक और प्रोफेशनल नेटवर्क को फिर से मजबूत करने का है। पुराने मित्रों, सहकर्मियों या सहयोगियों से दोबारा संपर्क स्थापित हो सकता है, जिससे नई संभावनाएं और अवसर सामने आएंगे। व्यवसायिक दृष्टि से यह वक्त पुरानी रणनीतियों को दोबारा मूल्यांकन करने और बेहतर प्लानिंग बनाने का है। इस अवधि में आप अपने लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं पर गहराई से ध्यान देंगे, जिसका दीर्घकालिक फायदा मिल सकता है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए यह वक्री बुध नवम भाव को प्रभावित करेगा। यह भाव धर्म, उच्च शिक्षा और विदेश यात्रा से जुड़ा होता है। इस अवधि में वृश्चिक राशि के जातकों को आध्यात्मिक और बौद्धिक विकास के लिए बेहतर समय मिलेगा। रिसर्च, हायर एजुकेशन और फॉरेन ट्रैवल या स्टडी प्रोजेक्ट्स में रुचि बढ़ेगी और रुके हुए काम दोबारा गति पकड़ सकते हैं। साथ ही, आपके कम्युनिकेशन में भावनात्मक स्पष्टता और आत्मचिंतन की शक्ति बढ़ेगी, जिससे रिश्तों में गहराई आएगी। इस दौरान मेंटर्स और सलाहकारों से मार्गदर्शन लेना काफी लाभकारी रहेगा।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।