भाद्रपद अष्टमी के पर रखा जाएगा महालक्ष्मी व्रत, करे ये उपाय, मिलेगा धन, सुख और मान-सम्मान

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By Swati BisenPublished On: August 27, 2025
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हिंदू धर्म में धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और विभिन्न उपाय अपनाते हैं। मान्यता है कि जो भी साधक पूरे विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन करता है, उसके घर-परिवार में कभी धन की कमी नहीं होती और जीवन में मान-सम्मान भी बढ़ता है।


महालक्ष्मी व्रत की तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत 30 अगस्त की रात 10:46 बजे से होगी और इसका समापन 1 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे होगा। उदया तिथि के आधार पर व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा।

16 दिनों का विशेष व्रत

महालक्ष्मी व्रत का आयोजन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होकर कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक चलता है। यह परंपरा 16 दिनों तक मानी जाती है, हालांकि तिथियों के अनुसार यह कभी-कभी 15 दिन का भी होता है। इस वर्ष व्रत 31 अगस्त से शुरू होकर 14 सितंबर को व्रत पारण के साथ समाप्त होगा। इन दिनों में श्रद्धालु माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं और उपवास रखकर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

भद्रा काल और शुभ कार्य

ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार व्रत के दिन भद्रा काल रहेगा। यह 31 अगस्त की सुबह 5:59 बजे से 11:54 बजे तक प्रभावी रहेगा। चूंकि यह भद्रा स्वर्गीय मानी जा रही है, इसलिए इसका असर धरती पर नहीं होगा। इसका अर्थ है कि इस दौरान भक्त बिना किसी बाधा के शुभ कार्य कर सकते हैं और पूजा-अर्चना संपन्न कर सकते हैं।

व्रत में किए जाने वाले विशेष उपाय

महालक्ष्मी व्रत पर कुछ खास उपाय करने से मां की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

  • इस दिन माता को खीर का भोग अवश्य लगाना चाहिए। बाद में यह खीर 16 कन्याओं को बांटना शुभ माना गया है।
  • रात में चंद्रमा को दूर से अर्घ्य देने की परंपरा है। इस दौरान लक्ष्मी मंत्र का जप करने से विशेष लाभ मिलता है।
  • मां लक्ष्मी को चांदी के सिक्के और कौड़ियां अर्पित करने का भी महत्व है। इन्हें लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखने से घर में धन वृद्धि और सुख-समृद्धि के योग बनते हैं।

मां लक्ष्मी की कृपा का फल

महालक्ष्मी व्रत केवल धन की प्राप्ति के लिए ही नहीं बल्कि जीवन में स्थिरता, प्रतिष्ठा और सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए भी रखा जाता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए इस व्रत से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और परिवार में हमेशा शांति और ऐश्वर्य बना रहता है।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।