नवरात्रि के नवें दिन राम नवमी मनाई जाती है। चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवें दिन ही क्यों राम नवमी होती है? चलिए तो जानते है आज की नवरात्रि का अंतिम दिन श्रीराम पर ही क्यों ?
कहा जाता है की, पृथ्वी में भक्तों के कष्ट हरने और दुष्टों का अंत करने भगवान राम अवतरित हुए थे। त्रेता युग में भगवान विष्णु का सातवा अवतार श्री राम है। श्रीराम के जन्म की इस तिथि का वर्णन रामायण और रामचरित मानस जैसे जैसे महान धर्म ग्रंथ में किया गया है।
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नवरात्रि से श्रीराम और रावण के बीच युद्ध की कहानी भी जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि जिस दौरान राम जी सीता जी को रावण के कैद से मुक्त कराने के लिए युद्ध लड़ रहे थे। उस दौरान भगवान श्री राम ने दुर्गा देवी का पूजा पाठ किया था, जो कि 9 तक पूरा चक रहा था। इसके बाद मां दुर्गा ने इस अनुष्ठान से प्रसन्न होकर श्री राम को विजय भव का आशीर्वाद दिया था और उसके 10वें ही दिन राम जी ने रावण का वध कर दिया था।
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पूजन की विधि
सूर्योदय से पहले उठकर, नहाए ध्यान करने के बाद सूर्यनारायण देवता को तांबे के कलश से अर्घ दें, पीले वस्त्र, पीले push aur Peele chandan se भगवान श्रीराम का श्रृंगार करें। बिना तुलसी के विष्णु जी की पूजा हो ही नही सकती, इसलिए भगवान राम के भी भोग में तुलसी जी अवश्य चढ़ा दें।
रामनवमी पर कामनाएं पूरी करने के लिए ऐसा करें
राम जी के नाम का जाप हमेशा लाभदायक होता है। जब फ्री हो तो राम का नाम जपते चलें।
सरयू नदी में नहाने का अलग महत्व है। स्नान और दान का विशेष महत्व है। जीवन में कोई समस्या हो कोई बीमारी या कुछ भी जो सही नही हो रहा हो। उसके लिए आप रामनवमी के दिन रामरक्षास्तोत्र का पाठ कर सभी कठिनाइयों से मुक्ति पाएं।