महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को करना चाहते है प्रसन्न? तो कर लें ये 4 काम, हर मनोकामना होगी पूर्ण

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन कुछ खास उपायों को अपनाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सारे कार्य में सफलता मिलती है।

Maha Shivratri 2025 : महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन भगवान शिव की पूजा-आराधना का खास दिन होता है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का अवसर होता है। इस दिन विशेष रूप से भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Maha Shivratri 2025 : तिथि और पूजा समय

पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि 2025 की तिथि 26 फरवरी को बुधवार को 11:08 बजे से प्रारंभ होगी और 27 फरवरी को गुरुवार को 08:54 बजे समाप्त होगी। इस दिन पूजा का विशेष महत्व निशिता काल में होता है। 2025 में, महाशिवरात्रि पूजा का समय 27 फरवरी को रात 12:27 बजे से 1:16 बजे तक होगा।

Maha Shivratri 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त

  • रात्रि के पहले प्रहर की पूजा: शाम 6:43 बजे से रात 9:47 बजे तक।
  • रात्रि के दूसरे प्रहर की पूजा: रात 9:47 बजे से 12:51 बजे (27 फरवरी 2025) तक।
  • रात्रि के तीसरे प्रहर की पूजा: रात 12:51 बजे से सुबह 3:55 बजे तक।
  • रात्रि के चौथे प्रहर की पूजा: सुबह 3:55 बजे से 6:59 बजे तक।
  • पारण का समय: सुबह 6:59 बजे से 8:54 बजे तक।

पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें: पूजा स्थल या मंदिर को स्वच्छ रखना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर मंदिर गंदा होता है तो पूजा का फल पूर्ण नहीं मिलता है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए मंदिर की सफाई पहले करें और फिर पूजा स्थल को सजाएं।
  • रात के समय सफाई न करें: मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद मंदिर या घर की सफाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे घर में लक्ष्मी का आगमन रुक सकता है और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • मूर्ति और तस्वीरें हटाकर सफाई करें: मंदिर की सफाई करते समय पहले मूर्तियों और तस्वीरों को हटा लें और फिर सफाई करें। सफाई के बाद मूर्तियों को साफ करें और फिर उन्हें स्थापित करें। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और जीवन में उन्नति होती है।
  • पूजा के बरतन साफ रखें: पूजा में इस्तेमाल किए गए बर्तनों को हमेशा साफ रखें। दीपक जलाने से पहले इसे अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। तांबे के बर्तन का उपयोग पूजा में शुभ माना जाता है।
  • भगवान के कपड़े भी साफ करें: पूजा के दौरान भगवान की मूर्तियों पर जो कपड़े चढ़ाए जाते हैं, उन्हें भी साफ करना जरूरी है। पूजा के बाद नए या धुले हुए कपड़े पहनाएं, ताकि पूजा का पूरा फल प्राप्त हो सके।