परंपरा है कि हर साल हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी के अगले दिन ऋषि पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार हर साल मनाया जाता है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और वैभव आता है। ऋषि पंचमी का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है।
इस त्यौहार को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपके जीवन में इसका लाभ मिलता है। आइए इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।
ऋषि पंचमी का शुभ मुहूर्त
ऋषि पंचमी का पर्व 27 अगस्त की दोपहर को 3:44 से शुरू होकर 28 अगस्त को 5:56 तक रहेगा। इसका पूजा करने का शुभ मुहूर्त 11:05 से 1:28 मिनट तक रहने वाला है। अगर आप इस दौरान पूजा पाठ करते हैं तो आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होगी।
ऋषि पंचमी के पूजन का तरीका
ऋषि पंचमी की पूजन विधि बहुत ही आसान होती है। इस दिन आपको सुबह उठकर स्वच्छ जल से स्नान कर लेना है। उसके बाद में स्वच्छ वस्त्र पहन लेंगे और मंदिर में ऋषियों की प्रतिमा स्थापित करें। उनके आगे दिया जलाए और उसके अलावा पूजन सामग्री में पंचामृत और फूलों के साथ चंदन, धुप-दिप इत्यादि अर्पित करें और उनकी आरती करें। इस प्रकार की पूजा की जाती है।
ऋषि पंचमी पर यह उपाय है कारागार
ऋषि पंचमी के इस अवसर पर सप्त ऋषियों की प्रतिमा बनाकर के योग्य ब्राह्मण को दान कर देने से चार गुना ज्यादा फल मिलता है। इससे घर में सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है। यह अत्यंत पुण्य कार्य माना जाता है।