पितृपक्ष में श्राद्ध करते समय भूल से भी ना करें यह गलतियां, वरना पितृ हो सकते हैं नाराज

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By Priyanka DeshmukhPublished On: September 4, 2025

पितृपक्ष जल्द ही शुरू होने जा रहा है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का एक खास महत्व है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को प्राप्त करने के लिए श्राद्ध किया जाता है और यह श्राद्ध हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक किया जाता है।


पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से पितृ पितृलोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध से प्रसन्न होकर उनका आशीर्वाद देते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे मित्र नाराज हो जाते हैं और उनकी कृपा बाधित हो जाती है। आइए पितृपक्ष में क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पितरों का करें श्राद्ध

श्राद्ध हर साल करना चाहिए जिससे कि पितरों की कृपा पर बनी रहे इसे पितरों के प्रति आपकी कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक कहा जाता है। इससे पता चलता है कि आप पितरों के प्रति कितना सम्मान अपने मन में रखते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करें

पितृपक्ष के दौरान गलती से भी तामसिक और स्वच्छ भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही पितृपक्ष के दौरान बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा करने पर पितृ प्रसन्न होते हैं।

योग्य ब्राह्मण से करवाए श्रद्धा

श्राद्ध को हमेशा एक ऐसे विद्वान और योग्य ब्राह्मण से करवाना चाहिए जो अच्छे से पूजा पाठ और पितृपक्ष के नियमों से आपको अवगत कारण साथ ही सभी कार्यों में और इससे जुड़े नियमों में आपकी मदद कर सके।

जीव जंतुओं को भोजन कराए

पितृपक्ष के दौरान किसी भी गए और कुत्ते या कौवे को सम्मान पूर्वक भोजन करें और उनका अपमान ना करें। इसके अलावा किसी भी अतिथि को भी सम्मान पूर्वक भोजन कराना शुभ माना जाता है।