ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल का सीधा असर इंसान के जीवन पर पड़ता है। सभी ग्रहों में सूर्य को ग्रहों का राजा और बुध को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। सूर्य आत्मा, नेतृत्व क्षमता और पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि बुध बुद्धिमत्ता, तर्क, गणित और व्यापार का कारक माना जाता है। जब भी ये दोनों ग्रह एक ही राशि में आते हैं तो एक शक्तिशाली योग का निर्माण होता है जिसे बुधादित्य राजयोग कहा जाता है।
वर्तमान में सूर्य अपने स्वगृही सिंह राशि में विराजमान हैं और 17 सितंबर तक यहीं रहेंगे। वहीं, 30 अगस्त को बुध ने भी सिंह राशि में प्रवेश किया है और 15 सितंबर तक इसी राशि में रहेंगे। इस प्रकार सूर्य और बुध की युति से सिंह राशि में बुधादित्य राजयोग बन गया है। यह विशेष योग कई राशियों के जीवन में शुभ फल प्रदान करने वाला माना जा रहा है। खासतौर पर वृषभ, धनु और सिंह राशि के जातकों को इस योग से बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम…
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए यह समय काफी लाभकारी साबित हो सकता है। व्यवसायियों को व्यापार में अच्छा मुनाफा मिलेगा, वहीं नौकरीपेशा लोगों के लिए पदोन्नति और वेतन वृद्धि के योग बन रहे हैं। लंबे समय से अटके काम अब पूरे हो सकते हैं जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा और नई संपत्ति या वाहन खरीदने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है। समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ने के प्रबल संकेत हैं।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुधादित्य योग बेहद अनुकूल रहने वाला है। भाग्य का साथ मिलेगा और नए अवसर सामने आएंगे। आईटी, टेक्नोलॉजी और रिसर्च से जुड़े लोगों को बड़ी सफलता मिल सकती है। व्यापार में साझेदारी फायदेमंद होगी और निवेश से अच्छा लाभ मिलेगा। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी तथा विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त होने की संभावना है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों पर यह योग सबसे अधिक प्रभाव डालेगा क्योंकि यह उन्हीं की राशि में बना है। इस अवधि में हर क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना है। विद्यार्थी और प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्र लाभान्वित होंगे। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकते हैं और रिश्तों में सामंजस्य बढ़ेगा। आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होगी। हालांकि राहु और केतु की वजह से कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं, लेकिन धैर्य रखने से विजय अवश्य मिलेगी।
बुधादित्य योग कब बनता है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब भी सूर्य और बुध एक साथ किसी राशि या भाव में स्थित होते हैं, तब यह शक्तिशाली योग बनता है। आदित्य का अर्थ सूर्य होता है और बुध के साथ होने पर इसे बुधादित्य योग कहा जाता है। कुंडली में यह योग जिस भाव में होता है, उसे अत्यधिक शक्तिशाली बना देता है। इससे जातक को धन, मान-सम्मान, वैभव और सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।