राकेश टिकैत- MSP पर लागु किया जाये 1967 का महेंद्र टिकैत फार्मूला

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नई दिल्ली: दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो का आंदोलन जारी है और इसी बच्च किसानो के नेता राकेश टिकैत ने इस कानून के मुख्य बिंदु MSP को लेकर अपना बयान दिया है। एक कार्यकर्म के दौरान टिकैत ने कहा है कि MSP के लिए महेंद्र टिकैत का फार्मूला अपनाया जाये। इस फॉर्मूले का मतलब है गेहू का दाम सोने के साथ जोड़ दिया जाये जिस प्रकार सोने का भाव गति से बढ़ रहा है उसी दर से गेहू का दाम भी बढे।

इतना ही नहीं इस कार्यक्रम के दौरान टिकैत का कहना है कि ‘3 क्विंटल गेहूं (300 किलोग्राम) की कीमत 1 तोले (10 ग्राम) सोने के बराबर कर दी जाए.”बता दे कि देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर मचे किसानो के उत्पात के बाद किसान आंदोलन का केंद्र सिंघु बॉर्डर से अब गाजीपुर बॉर्डर की ओर शिफ्ट हो गया है। इस आंदोलन के सबसे बड़े किसान नेता और किसानो की और से एक मात्र प्रवक्ता महेंद्र टिकैत के बेटे ‘राकेश टिकैत’ ही हैं। इसी बीच में MSP को लेकर दिया गया उनका बयान केंद्र सरकार के सामने काफी वजन रखता है।

क्या है महेंद्र टिकैत फार्मूला
दरसलये बात 1967 की है जब भारत सरकार ने MSP तय किया था, तब गेहूं की कीमत 76 रुपये प्रति क्विंटल हुआ करती रही, जो प्राइमरी स्कूल के अध्यापक थे उनकी सैलरी 70 रुपया महीने थी, अध्यापक एक महीने की सैलरी से 1 क्विंटल गेहूं नहीं खरीद सकता था, हम 1 क्विंटल गेहूं की कीमत से भट्टे की ढाई हजार ईंटें खरीद सकते थे, तब 30 रुपये की 1 हजार ईंट आती थीं. ” जिस कारण आज वर्ष 2021 में इस फॉर्मूले को लागु करने की बात राकेश टिकैत कर रहे है।

साथ ही किसान नेट आने इस फॉर्मूले के संदर्भ में कहा कि ”तब सोने का भाव 200 रुपये प्रति तोला था, जो तीन क्विंटल गेहूं से खरीदा जा सकता था, हमको अब तीन क्विंटल गेहूं के बदले 1 तोले सोना दे दो, और उसी हिसाब से कीमतें तय की जाएं साथ ही उनका केहना है कि जितना कीमत और चीजों की बढ़े, उतनी ही कीमत गेहूं की भी बढ़नी चाहिए.”