नई दिल्ली: तमिलनाडु में होने वाले चुनावों को लेकर पिछले तीन दिनों से कांग्रेस पूर्व अध्य्क्ष राहुल गांधी दौरे पर थे जिस दौरान की गई गतिविधयों के कारण राहुल चर्चा में बने हुए है और इसी बीच आज राहुल काॅर्नेल यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े थे और इस दौरान देश में चल रहे वर्तमान लोकतंत्र को लेकर कई सवाल किये गए जिनका राहुल ने दिया है। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर कौशिक बसु ने राहुल से संवाद के दौरन सवाल पूछे जिनमे से इस इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपतकाल को लेकर था।
आज इस कार्यक्रम में संवाद के दौरान राहुल से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि “1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल-हां, वो गलती थी, लेकिन तब जो हुआ और आज जो हो रहा, उसमें फर्क है, अपनी गलती मान लेना साहस का काम होता है”
आगे राहुल गांधी से देश की राजनीती को लेकर भी सवाल किये गए जिसके जवाब में राहुल का कहना है कि -“हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है, न्यायपालिका से उम्मीद नहीं है, आरएसएस-भाजपा के पास बेतहाशा आर्थिक ताकत है, व्यवसायों को विपक्ष के पक्ष में खड़े होने की इजाजत नहीं है, लोकतांत्रिक अवधारणा पर ये सोचा-समझा हमला है” राहुल का यह जवाब भाजपा पर सीधा प्रहार प्रतीत होता है।
कांग्रेस के लिए राहुल ने कहा कि-“कांग्रेस पार्टी कभी भी मौके पर भारत के संवैधानिक ढांचे को हथियाने की कोशिश नहीं करती है, हमारी पार्टी का ढांचा हमें इसकी इजाजत ही नहीं देता, अगर हम चाहे भी कि ऐसा कर दें तो हम नहीं कर सकते”
कांग्रेस में अंदरूनी ताक़त की बात-
कांग्रेस पार्टी की ताक़त को लेकर भी राहुल गांधी ने कहा कि “मैं कांग्रेस पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं, इसके लिए मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी, मैंने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर जरूरी है, आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं इसलिए प्रभावी हैं, क्योंकि उनके पास स्वतंत्र संस्थाएं हैं, लेकिन, भारत में उस स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है”