प्रयागराज। यहां आयोजित संत महात्माओं की धर्म संसद (Dharam Sansad) में भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा अन्य कई प्रस्तावों पर भी हरी झंडी देकर उन अमल करने का संकल्प लिया गया।
हिन्दू राष्ट्र ही है भारत
संतों ने धर्म संसद में जहां एक मत से भारत को हिन्दू राष्ट्र धोषित करने का प्रस्ताव किया वहीं यह भी दावा किया गया कि यह देश तो पहले से ही हिन्दू राष्ट्र है और आज से ही यह लिखने की शुरूआत हो।
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जिहाद को दूर करना है
सैकड़ों संत महात्माओं की मौजूदगी में यह कहा गया कि मुस्लिमों को दिया गया अल्प संख्यकक वर्ग का दर्जा समाप्त हो तथा इस सम्मेलन के आयोजन का मकसद इस्लामिक जिहाद को दूर करना है।
कई प्रस्ताव पारित किए
प्रयागराज के ब्रर्म्ह्षि आश्रम में आयोजित इस धर्म संसद में अन्य कई प्रस्ताव भी पारितक किए गए उनमें हिंदुओं के मठ मंदिर का अधिग्रहण खत्म करने जेल में बंद दोनों धर्मगुरुओं नरसिंहानंद गिरी और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को जल्द से जल्द जेल से छोड़े जाने के साथ ही दोनों धर्मगुरुओं को बिना शर्त रिहाकरने संबंधी प्रस्ताव प्रमुख है।
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प्रशासन का दबाव
आयोजन में मौजूद संतोंने यह आरोप लगाया है कि कार्यक्रम आयोजित नहीं करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने दबाव डाला था वहीं धर्म संसद के नाम पर भी स्थानीय प्रशासन को आपत्ति थी, इसके बाद धर्म संसद का नाम बदलकर संत सम्मेलन कर दिया गया।