देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली में ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के बाद सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, कि 2014 से पहले, बजट में यह दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती थीं कि अर्थव्यवस्था अच्छी है।
लेकिन हकीकत यह थी कि उन घोषणाओं को जमीन पर लागू नहीं किया गया। पिछली सरकारों ने किसी भी योजना को पूरा करने पर ध्यान नहीं दिया। हमने पिछले 10 सालों में इस स्थिति को बदल दिया है।
CII द्वारा आयोजित एक सम्मलेन में पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी रेखा से 25 करोड़ लोगों को बाहर निकाला गया है और अब भारत का टारगेट वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर की इकोनॉमी है।इतना ही नहीं “हमने पिछली सरकार के 10 वर्षों की तुलना में रेलवे बजट को 8 गुना बढ़ाया है, राजमार्ग बजट को 8 गुना, कृषि बजट को 4 गुना से अधिक और रक्षा के लिए बजट को दोगुने से अधिक बढ़ाया है।
पीएम ने कहा कि साल 2014 से पहले नाजुक पांच की स्थिति और लाखों करोड़ के घोटालों से हर कोई वाकिफ है। हमने श्वेत पत्र के रूप में अर्थव्यवस्था का ब्योरा देश के सामने रखा। इस पर बहस होनी चाहिए कि हम कहां खड़े थे। हमने भारत के उद्योगों को मुक्त किया और उन्हें ऊंचाई पर पहुंचाया।
पीएम मोदी ने कहा, “पूंजीगत व्यय को संसाधन निवेश का सबसे बड़ा उत्पादक माध्यम कहा जाता है… 2004 में, यूपीए सरकार के पहले बजट में, पूंजीगत व्यय लगभग 90,000 करोड़ रुपये था। यह बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया और आज, CapEx 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।” पीएम की इस बात से खुश होकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खूब तालियां बजाई और पीएम की बातों की सराहना की य