2022 तक इतने रुपए पार पहुंच जाएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें कैसे?

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गिरीश मालवीय की कलम से –

2022 के शुरुआती तीन महीनों में ही पेट्रोल 150 रु ओर डीजल 140 प्रति लीटर के आसपास पुहंच जाएगा क्यो वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल 110 डॉलर तक जाने का अनुमान लगाया जा रहा है ऐसी स्थिति में मोदी सरकार बस अपना खजाना भरने में लगी हुई है जबकि आम आदमी महंगाई की चक्की में बुरी तरह से पिस रहा है।

क्या आप जानते हैं कि 2014 के हिसाब से सरकारें टैक्स लगाती तो आज भी पेट्रोल की कीमतें 66 रुपए लीटर होती, न कि 110 रुपए लीटर होती। जबकि डीजल की कीमत इस हिसाब से 55 रुपए लीटर होती जो आज 100 के ऊपर पुहंच गयी है।

2014 में डीजल की कीमत डीलर कमीशन और सरकारों के टैक्स के बिना 45 रुपए लीटर थी। पर 2014 में केंद्र सरकार का एक्साइज टैक्स इसमें 8% था जो 2021 में बढ़कर 35% हो गया। राज्य सरकारों का टैक्स या वैट इसी दौरान 12 से बढ़कर 15% हो गया।

अक्टूबर 2021 में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने रिटेल की कीमतों में 42% कमी कर दी। जबकि टैक्स और डीलर कमीशन का शेयर बढ़कर 58% हो गया। केंद्र सरकार का टैक्स रिटेल प्राइस में साल 2014 में 14% हुआ करता था। 2021 में यह बढ़कर 32% हो गया। राज्य सरकारों का टैक्स 2014 में 17% था जो 2021 में बढकर 23% हो गया।

यानी साफ है कि लूट केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने मचा रखी है लेकिन बिल राज्य सरकारों के नाम पर फाड़ा जा रहा है, राज्य सरकारें की स्थिति में 2014 की तुलना में 2021में बहुत बदलाव आया है क्योंकि 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से उनकी आय बहुत घट गयी है….

इसलिए पेट्रोल डीजल पर टैक्स से आय कमाने में राज्य सरकारो को तो एक बार क्लीन चिट दी जा सकती है लेकिन केंद्र में बैठी मोदी सरकार को नही। केवल इस अक्टूबर महीने में पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। इतनी महंगाई में ये दीवाली आम आदमी का दीवाला निकालने जा रही है।