लोग प्लास्टर कटवाकर यूनानी पद्धति से करवा रहे इलाज, कम फीस में इन बड़ी समस्याओं से मिलता है छुटकारा

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आबिद कामदार

इंदौर। यूनानी पद्धति के अनुसार मानव शरीर आग, हवा, मिट्टी और पानी जैसे मूलभूत तत्त्वों से मिलकर बना है। इस पद्धति के सिद्धांतों के अनुसार ये तत्त्व शरीर के अखलात यानी बलगम, खून, सफरा (पीला पित्त) और सौदा (काला पित्त) के साथ संतुलन बनाकर सेहत बनाते हैं। वहीं यूनानी पद्धति में हड्डियों को जोड़ने के लिए भी काफी जड़ी बूटियां इस्तेमाल की जाती है, यह सस्ती होने के साथ काफी फायदेमंद भी बताई जाती है।

इसी आयुर्वेदिक पद्धति से सुभाष मार्ग पर ईलाज जाता है, आपको इस क्षेत्र से गुजरने पर यहां लगी भीड़ देखकर अंदाजा हो जाता है कि यहां खास इलाज हो सकता है। डॉक्टर रियाज़ राना बताते हैं कि चोंट, मोच, फ्रैक्चर, हेयर क्रैक, नस दबना और अन्य हड्डियों से सम्बंधित इलाज किया जाता है।

यूनानी पद्धति से किया जाता है इलाज

यह एक आयुर्वेदिक उपचार है, कई प्रकार की जड़ी बूटियों के मिश्रण को पीस कर तैयार किया जाता है, सभी जड़ी बूटियों से इसे गाढ़ा और चिकना बनाकर जहां हड्डी से सम्बंधित समस्या है वहां इसे एक कॉटन के कपड़े के ऊपर लगाकर बांधा जाता है। हड्डी के ठीक होने तक इस पर लेप लगाया जाता है।

मोच को ठीक होने में लगते है 5 दिन तो फ्रैक्चर को ठीक होने में लगता है डेढ़ महीना

हर हड्डी के लिए अलग लेप तैयार है, वहीं हर फ्रैक्चर और मोच के लिए अलग अलग पट्टी बांधी जाती है। जिसमें फ्रैक्चर को तीन दिन छोड़कर बांधा जाता है, और इसके ठीक होने में डेढ़ से दो महीने का समय लगता है, वहीं मोच को ठीक होने में 5 से 7 दिन का समय लगता है, इसी के साथ हेयर क्रैक में एक दिन छोड़कर यह लेप पट्टी के माध्यम से लगाया जाता है और यह बहुत जल्द ठीक हो जाता है । इन सबके उपचार के लिए यह लेप किसी में एक दिन छोड़कर तो किसी रोग में रोजाना बांधा जाता है। यह लेप पूरी तरह प्राकृतिक रूप से तैयार किया जाता है, इसमें किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है।

100 सालों से चला रहे चांद तारा दवाखाना

रियाज़ राना बताते है कि वह पीछले 22 सालों से चांद तारा दवाखाना बडवाली चौकी पर संचालित कर रहे हैं, में पेशे से आयुर्वेद डॉक्टर हु, हमारे पास ऐसे भी कई पेशेंट आते है, जो अपना प्लास्टर काटकर हमसे इलाज शुरू करवाते है, और उन्हें बेहतर रिजल्ट मिलता है। हमारे पूर्वज इस पद्धति से पिछले 100 साल से इलाज कर रहा है।

फीस होती है काफी कम, रोज़ाना आते है 100 से ज्यादा पेशेंट

इस पद्धति की फीस काफी कम है, अपनी समस्या को लेकर रोजाना सो से ज्यादा पेशेंट आते है, और अपनी समस्या का निजात पाकर जाते है, वहीं कई ऐसे भी पेशेंट आते है, जिनकी मोच और दर्द काफी पुराना है। उन्हें भी इस मिश्रण के लेप से आराम मिलता है। दूर से आने वाले पेशेंट अपने साथ लेप और कॉटन का कपड़ा साथ ले जाता है।