इंदौर : संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने राशन माफियाओं से संलिप्तता पाये जाने तथा राशन की दुकानों में अनियमितताएं होने और शासकीय कार्यक्रमों तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही तथा उदासीनता पाये पर इंदौर के प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रण आर.सी. मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रतिवेदन के आधार पर की गई है।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि आर.सी. मीणा द्वारा शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही एवं उदासीनता बरती जाती है। पदस्थी दिनांक से ही उनका कार्य संतोषजनक नहीं रहा है। उनके द्वारा पिछले 02 माह में 06 उचित मूल्य की निलंबित दूकानें बिना विधिवत जांच किये बहाल की गई है। यह बहाली अपर कलेक्टर (खाद्य) जिला इंदौर एवं कलेक्टर जिला इंदौर के संज्ञान में लाये बगैर मीणा द्वारा की गई। मीणा की राशन माफियाओं के साथ संलिप्तता भी प्रतीत होती है। इस कृत्य के आधार पर उक्त कार्रवाई की गई है। उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय आलीराजपुर निर्धारित किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह के प्रतिवेदन पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आज इंदौर के खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक आर सी मीणा को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया है कि निलंबित अधिकारी की राशन माफ़िया से संलिप्तता पाई गई है। गत दिवस प्रशासन की टीम द्वारा 13 राशन दुकानों को सील करने की कार्यवाही की गई थी। यहाँ कार्यपालक मजिस्ट्रेट जाँच के लिए गए थे और यह पाया गया गया कि फ़ूड कंट्रोलर आर.सी. मीणा राशन घोटाले से संबंधित भरत दवे और प्रमोद दहीगुड़े से निरंतर सतत संपर्क में थे। जब प्रशासनिक टीम द्वारा छापे की कार्यवाही की जा रही थी, उसी दौरान मीणा और संदिग्ध आरोपियों के बीच मुलाक़ात रिकॉर्ड की गई थी।
कलेक्टर द्वारा इस संबंध में विस्तृत जाँच कराई जा रही है। आज निलंबित किए गए मीणा को आलीराजपुर अटेच कर दिया गया है। प्राथमिक जाँच में यह पाया गया है कि राशन माफिया भरत दवे द्वारा अपनी दुकान के नाम से ब्रांड बनाकर विभिन्न तरह की सामग्री राशन दुकानों में ज़बरजस्ती बिकवाई जाती थी। इसमें खाद्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी और संलिप्तता पाई जा रही है। प्रशासन की टीम ने आज माणिकबाग स्थित अपनी दुकान ब्रांड के संस्थान में भी छापामार की कार्यवाही की। इस संस्थान के संचालक के विरूद्ध धारा 420,272 और 273 के तहत एफ़आइआर दर्ज कराई जा रही है।