जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को गुरुवार को सर्वसम्मति से नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल का नेता चुना गया। अब उनकी सीएम पद के लिए नियुक्ति भी लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है, बस गठबंधन सहयोगियों की बैठक में औपचारिक सहमति की आवश्यकता है।
गठबंधन सहयोगियों की सहमति
उमर अब्दुल्ला के नाम पर सभी गठबंधन सहयोगियों ने सहमति जताई है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि सीएम पद का फैसला सिर्फ औपचारिकता रह जाएगा। इस प्रकार, उनकी सीएम के रूप में वापसी की संभावना काफी बढ़ गई है।
राजनीतिक सफर का संक्षिप्त इतिहास
उमर अब्दुल्ला ने 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। विधानसभा चुनाव में उन्होंने गंधरबल और बडगाम सीटों से भाग लिया और दोनों जगह जीत हासिल की, जबकि लोकसभा चुनाव में वह हार गए थे।
केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं
उनका राजनीतिक करियर 1998 में लोकसभा चुनाव के साथ शुरू हुआ, जब वह मात्र 28 वर्ष की आयु में सांसद बने। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह कामर्स और इंडस्ट्री राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का हिस्सा रह चुके हैं।
सरकार गठन की प्रक्रिया
गठबंधन के सहयोगी दलों की बैठक के बाद, उमर अब्दुल्ला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेंगे और जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
विधानसभा चुनाव 2024 का परिणाम
जम्मू-कश्मीर में 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए गए। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को बहुमत मिला, जिसमें एनसी को 42 और कांग्रेस को 6 सीटें मिलीं। भाजपा 28 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल बनी, जबकि पीडीपी को केवल 3 सीटें मिलीं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी एक सीट पर जीत हासिल की है, जिससे उसका खाता खुल गया है।