अब ग्रेजुएट कोर्स करना होगा बेहद मुश्किल, करना होगा ये काम, जानिए UGC का FYUP प्लान

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नए यूजी कार्यक्रम में किताबी ज्ञान के आलावा भी साथ में अनुभव और सीखने पर जोर दिया जाना चाहिए. अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए समर टर्म के समय 4 क्रेडिट काम पर आधारित लर्निंग इंटर्नशिप से गुजरना होगा. ये सूचना नए अभ्यासक्रम के विवरण के फ्रेमवर्क में दी गई है.

UGC ने अंडरग्रेजुएट कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बदलाव किया हैं. नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने चार साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) का नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, इसका एलान सोमवार (12 दिसंबर 2022) को हो सकती है.के UGC के नए नियमों के ड्राफ्ट के मुताबिक, स्नातक पाठ्यक्रम में अब इंटर्नशिप करना भी बेहद आवशयक होगी.

न्यू UGC में किताबी पढ़ाई के साथ एक्सपीरियंस और सीखने पर विशेष दबाब दिया है. UGC सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए समर टर्म के समय 4 क्रेडिट वर्क आधारित लर्निंग इंटर्नशिप से गुजरना होगा. ये सूचनाऐं नए सिलेबस के फ्रेमवर्क में दी गई है. जिसके अनुसार जो छात्र पहले दो सेमेस्टर के बाद बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें UGC सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप करनी होगी.

नए प्राग्रोम का प्रमुख पहलू छात्र को असल कार्य परिस्थितियों में शामिल करना है. जिससे सभी छात्र अपने या अन्य संस्थान में किसी फर्म, उद्योग, संकाय, संघ या प्रयोगशाला में शोधकर्ताओम के साथ प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप आदि से जुड़ेंगे. गर्मी की अवधि के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा स्थानीय उद्योग, व्यापार संगठनों, स्थानीय सरकारें, संसद या निर्वाचित प्रतिनिधिम, मीडिया संगठन, कलाकार, शिल्पकार सहित विभिन्न प्रकार के कोर्स से संबंधित संगठन के साथ इंटर्नशिप का अवसर दिलाया जाएगा ताकि छात्र अपने कोर्स से संबंधित विषय से व्यवहारिक दृष्टिकोण और सक्रिय जुझारू रूप से जुड़ सकें. UGC अधिकारियों का मानना है कि इससे रोजगार क्षमता में सुधार होगा. इसका मोटिव आर्थिक और सोशल इश्यूज से अवगत कराना भी है.

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फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम की ‘ऑनर्स’ डिग्री

गौरतलब हैं कि UGC के नए रूल्स के ड्राफ्ट के मुताबिक ही छात्रों को तीन के जगह चार साल पूरा करने पर ही ग्रेजुएशट ‘ऑनर्स’ डिग्री प्राप्त होगी. अगर कोई छात्र रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो उन्हें अपने चार साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा. इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी.