RBI New AI Tool MuleHunter.ai : भारत में बैंकिंग फ्रॉड और फर्जी बैंक खातों की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद से ही साइबर क्राइम और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई उपायों पर काम किया है। अब, RBI ने एक नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल “MuleHunter.ai” को लागू करने का निर्णय लिया है, जो फर्जी और धोखाधड़ी वाले बैंक खातों की पहचान करने में मदद करेगा।
क्या होता है म्यूल बैंक अकाउंट?
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं जो धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों में इस्तेमाल किए जाते हैं। इन खातों को धोखेबाज व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर खुलवाते हैं, और फिर इन खातों का इस्तेमाल अवैध रूप से धन प्राप्त करने और उसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। म्यूल अकाउंट्स के जरिए पैसे को एक खाते से दूसरे खाते में बिना किसी ट्रैकिंग के जल्दी से ट्रांसफर किया जा सकता है, जिससे बैंकिंग सिस्टम के लिए इस धन का पता लगाना और उसे वापस प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। इन अकाउंट्स का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को अपनी पहचान छिपाने और धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम देने में मदद करना होता है।
The @RBI Governor Shri Shaktikanta Das announced the RBIH’s https://t.co/U5RlejORwy, an AI/ML-based model to detect mule accounts, during the Monetary Policy Statement on 6th Dec, 2024 in Mumbai
Watch it here: https://t.co/SyjGsBJiK2@rajeshbansal @rakran1812
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— Reserve Bank Innovation Hub (@rbinnovationhub) December 6, 2024
AI के जरिए ऐसे होगी इसकी पहचान
RBI द्वारा पेश किया गया नया AI टूल “MuleHunter.ai” का मुख्य उद्देश्य म्यूल अकाउंट्स की पहचान करना और बैंकिंग सिस्टम में हो रहे धोखाधड़ी के मामलों को रोकना है। इस टूल के जरिए बैंकों को म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने में मदद मिलेगी और इससे जुड़े संदिग्ध लेन-देन को ट्रैक किया जा सकेगा। इसका उपयोग बैंकों को म्यूल अकाउंट्स को रोकने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेगा, जिससे साइबर क्राइम को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
मशीन लर्निंग और डेटा एनालिसिस के जरिए “MuleHunter.ai” टूल बैंकों को संदिग्ध लेन-देन और धोखाधड़ी गतिविधियों की पहचान करने में मदद करता है। यह AI सिस्टम पुराने नियम-आधारित सिस्टम की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी और तेज है। इसके जरिए ट्रांसक्शन और अकाउंट-रिलेटेड डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जिससे यह आसानी से उन खातों को पहचान सकता है, जो अवैध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
एंटी-फ्रॉड क्षमता में होगा सुधार
“MuleHunter.ai” टूल का प्रमुख लाभ यह है कि यह बैंकों को म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने और उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाता है। पुराने सिस्टमों के मुकाबले यह अधिक सटीकता और तेजी से काम करता है, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी। यह प्रणाली बैंकों को अधिक सशक्त बनाएगी, ताकि वे धोखाधड़ी के मामलों पर जल्दी से प्रतिक्रिया कर सकें और असली अपराधियों तक पहुंच सकें।
इस टूल का पहले पायलट परीक्षण दो प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ किया गया था, और इसके परिणाम बेहद सकारात्मक रहे हैं। इन बैंकों ने AI सिस्टम के माध्यम से म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने में सफलता प्राप्त की, जिससे यह साबित हुआ कि यह तकनीक काम करने के लिए सक्षम है। इस सकारात्मक परीक्षण के बाद, RBI ने सभी बैंकों से इस टूल को अपनाने की अपील की है।
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