Nita Ambani: रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी और उनकी मां के लिए सोने के धागे से बुनी साड़ियां रामनगर में तैयार की जा रही हैं। चार महीने पहले रिलायंस स्वदेश से मिले ऑर्डर के तहत दो से तीन कारीगर असली जरी और टेस्टी जरी साड़ियां तैयार करने में लगे हैं। नीता अंबानी ने खुद बुनकरों के हैंडलूम का दौरा किया, जहां उन्होंने साड़ियों पर खूबसूरत कारीगरी को करीब से देखा।
बेटे अनंत और बहू राधिका की शादी की तैयारियों में जुटी नीता अंबानी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में कार्ड चढ़ाने के बाद रात में ही हथकरघा पर तैयार हो रही साड़ी देखने के लिए रामनगर स्थित बुनकर विजय मौर्य के हैंडलूम पर पहुंच गईं। कारीगर से साड़ी में प्रयुक्त सामग्री की जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि रिलायंस स्वदेश फाउंडेशन के माध्यम से बनारसी बुनाई का वैश्वीकरण किया जाएगा। अपने बेटे अनंत और बहू राधिका की शादी की तैयारियों में जुटी नीता अंबानी साहित्यनाका स्थित बुनकर विजय मौर्य के यहां हैंडलूम पर बन रही साड़ी देखने पहुंचीं। कारीगर से साड़ी में प्रयुक्त सामग्री की जानकारी ली।
सोने के धागों वाली साड़ी की जा रही है तैयार
कारीगर विजय मौर्य के बेटे अनिकेत ने बताया कि सोने के धागे वाली साड़ियां तैयार की जा रही हैं। इन्हें रियल ज़री और टेस्टेड ज़री कहा जाता है। अनंत अंबानी और राधिका की शादी में नीता अंबानी और उनकी मां दोनों इस साड़ी को पहनेंगे। इस साड़ी का प्रचार फिलहाल प्रतिबंधित है.
बेंगलुरु से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई कर लौटे अनिकेत ने बताया कि अंबानी परिवार के लिए नौ मीटर की जगह भी तैयार की जा रही है. इसमें ज़री का भी प्रयोग किया जाता है। मार्च में मुंबई में आयोजित मिस वर्ल्ड 2024 के फाइनल में नीता अंबानी ने बनारसी जंगल साड़ी पहनी थी। इस साड़ी की दुनियाभर में सराहना हुई. यह साड़ी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कमालुद्दीन, जो कि रामनगर के एक बुनकर ने बनाई थी।
इससे पहले विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद रिलायंस फाउंडेशन की चेयरमैन नीता अंबानी ने कहा कि आज मैं अनंत और राधिका की शादी का निमंत्रण लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार में आई हूं। उन्होंने अपने बेटे की शादी का निमंत्रण कार्ड बाबा विश्वनाथ के चरणों में अर्पित कर उसके सुख, सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कहा…शादी के बाद फिर आऊंगी काशी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से निकलने के बाद नीता अंबानी ने कहा कि वह अपने बेटे की शादी के बाद वापस आएंगी। काशी दस वर्षों में विकसित हुई है। बाद में उन्होंने बनारस की स्थानीय चाट का भी आनंद लिया।