देशभर के लाखों सीए स्टूडेंट्स के लिए 1 जुलाई से नई स्कीम शुरू होगी। केंद्र सरकार द्वारा चार्टर्ड अकाउंटेंसी पाठ्यक्रम के लिए नई योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। सबसे खास बात यह है कि 1 जुलाई को ही सीए संस्थान अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। नई स्कीम लागू होने के बाद कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। इन बदलावों के तहत सीए आर्टिकलशिप प्रोग्राम की अवधि को भी घटा दिया जाएगा। यह जानकारी शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान स्टूडेंट मेंटर सीए सार्थक जैन ने दी। इस परिचर्चा का उद्देश्य नई स्कीम में होने वाले बदलावों से अवगत करना था। सीए सार्थक जैन ने बताया कि 23 जून शुक्रवार रात को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने यह जानकारी दी कि विभिन्न हितधारकों से मिले इनपुट पर विचार करने के बाद सीए एजुकेशन और ट्रेनिंग की नई योजना तैयार की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय मानकों एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का किया गया पालन
सीए सार्थक जैन ने परिचर्चा के दौरान बताया कि नई स्कीम को तैयार करते समय अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मानकों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन किया गया है। एनईपी के अनुरूप बनाई गई यह नई स्कीम 1 जुलाई 2023 से लागू की जाएगी।
सीए फाइनल में दो विषय हटाए गए
उन्होंने बताया कि सीए में तीन लेवल होते है पहला फाउंडेशन, दूसरा इंटरमीडिएट, तीसरा सीए फाइनल। सबसे अधिक बदलाव सीए फाइनल में देखने को मिला है। सीए फाइनल में पहले आठ पेपर होते थे जिन्हें अब छ कर दिया गया है। सीए फाइनल से कॉस्टिंग और कॉर्पोरेट लॉ दो पेपर्स हटा दिए गए है।
रिजल्ट से देखने को मिलेगा सुधार
उन्होंने बताया, आर्टिकलशीप की अवधि कम करने और सीए फाइनल में दो पेपर्स हटाने का स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। अब स्टूडेंट्स को आर्टिकलशीप के दौरान सीए की पढ़ाई करने की आवश्यकता नहीं होगी। आर्टिकलशीप के बाद स्टूडेंट्स पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। पिछले कुछ सालों से सीए का औसत रिजल्ट 10 से पंद्रह प्रतिशत के मध्य रहता है। नई स्कीम के बाद यह संभावना है कि रिजल्ट पच्चीस प्रतिशत तक रहे।
मई 2024 में होगी नए कोर्स के अनुसार पहली एग्जाम
उन्होंने बताया, नए कोर्स के अनुसार पहली परीक्षा मई 2024 में होगी। साल 2017 में जब कोर्स में परिवर्तन किए गए थे तो स्टूडेंट्स के पास पुराने एवं नए कोर्स दोनों को सिलेक्ट करने का विकल्प था। तीन साल तक स्टूडेंट पुराने या नए कोर्स का चयन कर सकते थे लेकिन इस बार यह विकल्प नहीं है। यदि स्टूडेंट नवंबर 2023 तक सीए की एग्जाम उर्तीण नहीं कर पाता है तो उसे अपनी अगली एग्जाम नए कोर्स में ही देनी होगी। इसके अलावा एक बड़ा बदलाव यह किया गया कि पहले सीए की एग्जाम में यदि एक ग्रुप में तीन पेपर्स है और स्टूडेंट ने दो पेपर्स पास कर लिए है लेकिन एक पेपर में फेल हो गया है तो तीनों पेपर दौबारा देने पड़ते थे।अब यदि स्टूडेंट्स दो पेपर्स में निर्धारित अंक लाकर उत्तीर्ण हो जाता है तो उसे एक ही पेपर दोबारा देना होगा।
महत्वपूर्ण बिंदु
-इस नई स्कीम से पूरे देशभर के लगभग 8 लाख स्टूडेंट्स प्रभावित होंगे जो वर्तमान में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) में सदस्यता प्राप्त करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी पाठ्यक्रम में अध्य्यन कर रहे हैं।
-कानून मंत्रालय और कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय दोनों के द्वारा नए पाठ्यक्रम और प्रस्तावित नई व्यावहारिक प्रशिक्षण संरचना को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
-इन नए बदलावों के बाद जल्द ही देश भर के सीए स्टूडेंट्स के लिए एक नया सिलेबस उपलब्ध होगा।
– इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने विशेषज्ञों की सलाह से यह नया पाठ्यक्रम तैयार किया है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया था। इसमे सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि नए सिलेबस को मंजूरी मिलने के बाद सीए आर्टिकलशिप प्रोग्राम भी 3 साल से घटाकर 2 साल कर दिया जाएगा।
हमेशा खुद पर रखें विश्वास
सीए सार्थक जैन ने परिचर्चा के दौरान स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा कि सीए बनने की राह बड़ी चुनौतीपूर्ण होती है ऐसे में स्टूडेंट्स को हमेशा खुद पर पूरा विश्वास रखना चाहिए। उनके अंदर हमेशा कुछ कर दिखाने का जज्बा होना चाहिए तभी वो इस क्षेत्र में आगे बढ़ पाएंगे। सीए बनने की इस पूरी यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण है सही मार्गदर्शन मिलना, इसलिए जब भी कोई स्टूडेंट हताश होता है तो उसे हौंसला देने के लिए मैं कहता हूं ‘’ मैं हूं ना‘’।
पैशन है टीचिंग
सीए सार्थक जैन ने बताया कि टीचिंग मेरा पैशन है। मैं तीन साल एक बहुत ही अच्छी कंपनी में नौकरी कर चुका हूं लेकिन मुझे पढ़ाने में ही खुशी महसूस होती थी। इंदौर आने के बाद मैंने प्रैक्टिस छोड़ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। सबसे खास बात यह है कि हमारी कोचिंग की पहली ही बैच से सीए टॉपर थी। मई 2022 में सीए फाइनल एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक एक से पचास में से 33 स्टूडेंट्स हमारी कोचिंग के थे। जब मैं अपने पढ़ाए हुए स्टूडेंट्स को देश की शीर्ष संस्थानों में कार्य करते देखता हूं तो मुझे लगता है कि मेरा संघर्ष सफल हो गया है।
जरूरतमंद छात्रों को आर्थिक सहायता
मैं अबतक 1,30,000 से भी अधिक स्टूडेंट्स को पढ़ा चुका हूं जिनमे से कई विद्यार्थी देश की शीर्ष संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे है। मुझे यह बताते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि अपनी संस्थान के माध्यम से हम जरूरतमंद विद्याथिर्यों की भी सहायता करते है। हर साल हमारी संस्थान द्वारा 200 से अधिक विद्यार्थियों को स्कॉलरशीप एवं आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है। अब तक हम दो हजार से अधिक विद्यार्थियों की सहायता कर चुके है।
Source : PR