डरता तो पत्रकारिता में कभी नहीं आता – अनंत विजय

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जाने माने पत्रकार तथा कई किताबों के लेखक श्री अनंत विजय ने कहा कि अगर वह डरते तो पत्रकारिता में नहीं आते उनके पास अच्छी खासी मैनेजमेंट की नौकरी थी ।अनंत विजय आज इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल में अमेठी के अंगूर खट्टे भी मीठी भी विषय पर केंद्रित अपनी पुस्तक के सिलसिले में बोल रहे थे उनसे पत्रकार हर्षवर्धन ने रोचक सवाल किए । उन्होंने कहा अमेठी में स्मृति ईरानी की विजय परिवारवाद का विरोध थी अमेठी की जनता ने परिवारवाद को नकार दिया अमेठी में गांधी परिवार को नकारना इसके पीछे कोई एक कारण नहीं था।

अमेठी की जनता परिवारवाद की उनके प्रति की जा रही उपेक्षा से ऊब चुकी थी उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के 100 साल से ज्यादा के इतिहास में यह सबसे बड़ी पराजय थी इसके पहले कोई भी कांग्रेस का अध्यक्ष कहीं से पराजित नहीं हुआ था तभी उन्होंने सोचा कि इस विषय पर पुस्तक लिखी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि मेरी पुस्तक तथ्यों तथा शोध पर आधारित है इस पुस्तक में जितने भी प्रसन्न रहे हैं उनसे जुड़े व्यक्ति अभी जीवित है और इस पुस्तक का कहीं से खंडन नहीं हुआ है इसमें कोई कपोल कल्पना नहीं है उन्होंने कहा कि मैंने राजनीति जैसे विषय को बेहद सरस तरीके से लिखा