गड़बड़ी वाले सेंटरों पर फिर से हो सकती है ‘NEET’ परीक्षा

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♦️कीर्ति राणा, इंदौर

देश में सबसे टफ परीक्षा में से एक नीट के परिणाम घोषित होने के बाद से पूरे देश में मचे हंगामे के बाद अब परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने माना है कि ‘गड़बड़ी का जो मामला बताया जा रहा है, वो सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है।24 लाख से अधिक छात्रों में ‘क्या परीक्षा फिर से होगी’ जैसे पशोपेश को लेकर एनटीए ने स्पष्ट किया है सिर्फ गड़बड़ी वाले सेंटर पर ही फिर से परीक्षा करा सकते हैं।एनटीए की इस सफाई से छात्र संतुष्ट इसलिये नहीं हैं कि नीट में उजागर हुई धांधली को लेकर कोर्ट में याचिका भी लगा दी गई है, कोर्ट का फैसला आना बाकी है।

एनटीए पर लाखों युवाओं के लिए देश की सबसे टफ परीक्षा में से एक नीट यूजी को सुचारू ढंग से कराने की जिम्मेदारी थी, लेकिन नीट रिजल्ट जारी होने के बाद लाखों उम्मीदवार एनटीए और नीट परीक्षा के परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं। एनटीए पर आरोप लगाने वाले उम्मीदवारों में नीट में अच्छा स्कोर पाने वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं।कुछ उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।

एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने दिल्ली में मीडिया से चर्चा में कहा है केंद्र सरकार ने NEET-UG में ग्रेस अंक विवाद को फिर से जांचने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य शिक्षाविदों को मिलाकर कमेटी बनाई गई है, जो नीट के मामले की जांच करेगी। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद यह तय होगा कि आगे क्या करना है।

लॉस ऑफ टाइम के मानदंड के आधार पर कंपेनसेटरी मार्क्स दिए गए हैं। मामला सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 बच्चों का है। कमेटी का जो भी फैसला होगा, वो उन्हीं के लिए लिया जाएगा। अन्य पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।’  हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये भी संकेत दिए गए हैं किअगर नीट परीक्षा फिर से आयोजित होती है तो सभी केंद्रों पर नहीं होगी। ये सिर्फ 6 सेंटर्स के लिए आयोजित की जाएगी।

नीट यूजी-2024 के रिजल्ट पर सवाल उठ रहे हैं। एनटीए ने 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क दिए हैं। आरोप है कि इससे 67 छात्रों की ऑल इंडिया रैंक 1 आई। नीट यूजी-2024 में 24 लाख बच्चे बैठे थे। रिजल्ट 4 जून को आया था।

डायरेक्टर जनरल सिंह ने बताया कि हमारी कमेटी 1563 कैंडिडेट्स और 6 सेंटर्स की जांच करेगी, जहां ग्रेस मार्क्स मिले हैं। हमारे पास सेंटर्स की मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी हैं। सेंटर्स की रिपोर्ट्स भी हैं। ये सेंटर्स मेघालय, बहादुरगढ़ (हरियाणा), दंतेवाड़ा, बालोद (छत्तीसगढ़‌), सूरत (गुजरात) और चंडीगढ़ के हैं।

दिल्ली और कोलकाता में याचिका दायर

इस बीच रिजल्ट में गड़बड़ियों के विरोध में दिल्ली और कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई हैं। एग्जाम में टॉपर्स की बढ़ी हुई संख्या, मार्किंग स्कीम से अलग ग्रेस मार्क्स देना, आंसर की में बदलाव और एग्जाम से पहले पेपर लीक जैसे आरोप लगाए गए हैं।

एनटीए के डायरेक्टर एसके सिंह ने कहा जरूरत पड़ी तो रिजल्ट संशोधित किया जाएगा

एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने कहा, ‘स्टूडेट्स को ग्रेस अंक देने से नतीजों या क्वालिफाइंग क्राइटेरिया पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। उन्होंने बताया कि यह मसला सिर्फ 1563 स्टूडेंट्स का है। पेपर 23 लाख से ज्यादा बच्चों ने दिया था। 4750 सेंटर की बजाय सिर्फ 6 सेंटर का मामला है।कमेटी 1563 स्टूडेंट्स को दिए गए ग्रेस मार्क्स और टाइम लॉस की जांच करेगी। जरूरत पड़ी तो इनका रिजल्ट संशोधित किया जाएगा। इससे नीट रिजल्ट के बाद होने वाली एमबीबीएस व बीडीएस समेत अन्य मेडिकल कोर्सेज की एडमिशन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कमेटी की जो सिफारिशें आएंगी, हम उस हिसाब से फैसला लेंगे।’

24 लाख छात्रों ने किया रजिस्ट्रेशन

इस साल कुल 23.81 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। पिछले साल 20.87 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था। हल्द्वानी के कोचिंग इंस्टीट्यूट NEETIIT Academy के डायरेक्टर शुभम राय का कहना है कि एग्जाम के लिए 4 लाख ज्यादा कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन इस रेश्यो में पेपर का डिफिकल्टी लेवल नहीं बढ़ाया गया।