भोपाल : खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष श्री गोविन्द मालू ने कहा कि जब शासन का नियम है कि यदि कहीं लोड़ 2000 किलोवाट से कम है तो ग्रीड लगाने की जरूरत नहीं, तो फिर पश्चिम क्षेत्र विद्युत कम्पनी ने एक परिपत्र निकाल कर इस नियम को समाप्त क्यों किया। सबसे ज्यादा बड़ा उर्वरा आद्योगिक क्षेत्र इंदौर उज्जैन है यहाँ यह नाइंसाफी कुछ अधिकारियों के लोकायुक्त से बचने के लिए की गई है।
आश्चर्य तो यह कि यह लॉबी अब एक प्रस्ताव बनाकर नियामक आयोग से इसे पूरे प्रदेश में लागू करवाना चाहते है।
श्री मालू ने कहा कि अधिकारियों द्वारा की जा रही इस चालबाजी और व्यापार विरोधी कोशिश से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा। श्री मालू ने ऊर्जा मंत्री को तो संदर्भ में अवगत कराकर पत्र लिखा है।
श्री मालू ने कहा कि सरकार उद्योगों को राहत देने के लिए कई जतन कर रही है और कुछ अधिकारी आफत पैदा करना चाहते हैं।इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।