NDTV Adani News: अंबानी की सहायता से अडानी ने कब और कैसे ली एनडीटीवी की कमान, जानें सब कुछ…

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एशिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में शुमार गौतम अडाणी समूह द्वारा 34 साल पुराने मीडिया संस्थान एनडीटीवी का अधिग्रहण कल से ही काफी चर्चा में बना हुआ है. इस अधिग्रहण से गौतम अडाणी को मीडिया कारोबार के वैश्विक दिग्गजों में शामिल होने में मदद मिलेगी. अडाणी दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति हैं.

दरअसल, इस अधिग्रहण के पीछे एक बकाया कर्ज है. यह कर्ज एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय और राधिका रॉय ने 2009-10 में मुकेश अंबानी से जुड़ी कंपनी से लिया था. विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने एनडीटीवी की प्रवर्तक कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को 403.85 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. वीसीपीएल शुरू में अंबानी समूह से जुड़ी कंपनी थी. इस क़र्ज़ के बदले वीसीपीएल को 29.18 फ़ीसदी दिए गए थे. साथ ही ये विकल्प भी दिया गया था कि क़र्ज़ न चुका पाने की स्थिति में वे इन वाउचर्स का 99.5 फ़ीसदी हिस्सा इक्विटी में बदल सकते हैं. ये क़र्ज़ 10 साल के लिए लिया गया था और इसकी अवधि 2019 में ख़त्म हो गई थी. लेकिन आरआरपीआर ने लिया गया क़र्ज़ नहीं चुकाया था.

पहले मुकेश अंबानी से जुड़ी कंपनी थी कर्ज देने वाली VCPL

अडाणी समूह की फर्म ने पहले वीसीपीएल का अधिग्रहण किया और फिर बकाया ऋण को मीडिया कंपनी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प का प्रयोग किया. इसके बाद अडाणी समूह ने देश के अधिग्रहण मानदंडों के अनुरूप जनता से अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की.

यानी कुल मिलाकर उसका लक्ष्य एनडीटीवी में 55 फ़ीसदी हिस्सा ख़रीदना है. अडानी समूह ये 26 फ़ीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी ओपन ऑफ़र के ज़रिये खरीदेगा. समूह की तीन कंपनियां एएमएनएल और अडानी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड ओपन ऑफ़र में हिस्सा ख़रीदेंगी. ये ओपन ऑफ़र 294 रुपये प्रति शेयर के भाव पर होगा, जो कि शेयर की मौजूदा क़ीमत से क़रीब 20 फ़ीसदी कम है. मंगलवार को एनडीटीवी का शेयर 366 रुपये पर बंद हुआ था. यानी 26 फ़ीसदी की अतिरिक्त हिस्सेदारी ख़रीदने के लिए अडानी समूह 493 करोड़ रुपये ख़र्च करेगा.

NDTV के प्रणय और राधिका रॉय ने जताई आपत्ति

एनडीटीवी ने बताया, “एनडीटीवी के संस्थापक और कंपनी ये स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि वीसीपीएल ने क़र्ज़ को इक्विटी में बदलने के अधिकार का इस्तेमाल हमसे बातचीत और हमारी सहमति के बिना लिया गया है. हमें इस क़दम की जानकारी आज ही मिली है. हमने कल ही एक्सचेंज को बताया था कि संस्थापकों की हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं है.”
कंपनी का यह भी कहना है कि वो आगे की प्रक्रिया पर जानकारी जुटा रही है और उसमें क़ानूनी या रेगुलेटरी विकल्प भी शामिल हो सकते हैं. वीसीपीएल ने मंगलवार को आरआरपीआर में 99.5 फीसदी इक्विटी शेयर के अधिग्रहण के लिये अपने अधिकार का उपयोग किया. इसी से एनडीटीवी में 26 फीसदी तक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिये खुली पेशकश की गयी। इसके तहत, वीसीपीएल ने अडाणी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ मिलकर एनडीटीवी के 1.67 करोड़ तक के पूर्ण चुकता इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण के लिये 294 रुपये प्रति शेयर के भाव पर खुली पेशकश की। इससे पेशकश का कुल मूल्य करीब 493 करोड़ रुपये बैठता है.

प्रणय और राधिका रॉय ने अडाणी के इस कदम को जबरन या द्वेषपूर्ण अधिग्रहण माना। उन्होंने कहा कि ऐसा बिना किसी चर्चा, सहमति या नोटिस के किया गया. एनडीटीवी के फाउंडर्स/प्रमोटर्स की ओर से कहा गया, ‘एनडीटीवी या इसके फाउंडर-प्रमोटर्स से कोई भी चर्चा किये बिना विश्वप्रधान-वीसीपीएल द्वारा उन्हें एक नोटिस दिया गया है. इसमें कहा गया है कि उसने आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड का 99.50 फीसदी नियंत्रण हासिल करने के अपने अधिकारों का प्रयोग किया है.’

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मीडिया सेक्टर में अम्बानी को टक्कर देगा अडानी ग्रुप

आपको बता दें मीडिया क्षेत्र में अडाणी समूह अब अंबानी को टक्कर देगा, जिनकी नेटवर्क 18 के जरिये पहले से ही इस क्षेत्र में बड़ी उपस्थिति है. इसके समाचार चैनलों में सीएनएन-न्यूज 18 और बिजनेस चैनल सीएनबीसी-टीवी 18 शामिल हैं. एनडीटीवी के अधिग्रहण के साथ ही अडाणी जेफ बेजोस और मर्डोक परिवार की सूची में शामिल हो जाएंगे, जो क्रमश: वॉशिंगटन पोस्ट और फॉक्स कॉरपोरेशन के मालिक हैं. एनडीटीवी तीन राष्ट्रीय समाचार चैनल संचालित करता है – अंग्रेजी समाचार चैनल एनडीटीवी 24×7, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया और बिजनेस चैनल एनडीटीवी प्रॉफिट कंपनी की ऑनलाइन उपस्थिति भी बेहद मजबूत है.