Mp Tourism : खजुराहो भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो की मध्यप्रदेश में स्थित है। खजुराहो का इतिहास विशेष रूप से उन्नत वास्तुकला और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है। खजुराहों में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। यहां आप कई दर्शनीय स्थलों के दर्शन करने के साथ यहां के इतिहास के बारे में भी जान सकते हैं।
आपको बता दे कि, खजुराहो का निर्माण वाकाटक राजवंश के समय में हुआ था, जिन्होंने 10वीं और 11वीं सदी में यहाँ पर मंदिर बनवाए। इन मंदिरों में वास्तुकला का अद्वितीय और सुंदर उदाहरण प्रस्तुत है। खास कर विदेश से पर्यटक यहां इसे देखने के लिए आते है। इसके साथ ही खजुराहो के निर्माण में कई और राजवंश भी शामिल थे। जिसमे चंदेल राजवंश भी है। 10वीं से 12वीं सदी में चंदेल राजवंश ने खजुराहो में अपने शासकीय भवनों की नींव रखी। उन्होंने यहाँ पर अनेक विश्वविख्यात मंदिर बनवाए जिनमें वास्तुकला की अत्यंत महत्वपूर्ण दृष्टि है।
खजुराहो में मुख्य रूप से विष्णु, शिव, और जैन देवताओं के मंदिर बनाए गए हैं। यहाँ के मंदिर विभिन्न शैलियों में बने हैं और उनकी वास्तुकला की महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं।10वीं और 11वीं सदी में बनाए गए मंदिरों का संरक्षण काफी महत्वपूर्ण है। 2001 में हुए भूकंप के बाद, मंदिरों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचा। सरकार ने इनकी मरम्मत और संरक्षण कामों को शुरू किया जो आज भी जारी है। खजुराहो के मंदिर और स्थल भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा के प्रतीक के रूप में खड़े हैं और यहाँ के इतिहास ने इन्हें एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाया है।
खजुराहो के मुख्य मंदिरो के बारे में जानें
खजुराहो के मुख्य मंदिर, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित है, शिखर पर बने दिगंबर जैन मंदिर, ये दोनों ही स्थल पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं। लक्ष्मण मंदिर: यह विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है और यह विश्व के सबसे अच्छे सुरंग जैन मंदिरों में से एक है। पार्श्वनाथ मंदिर: यह जैन मंदिर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है और वास्तुकला के अद्वितीय उदाहरणों में से एक है। आदिनाथ मंदिर: यह भगवान आदिनाथ को समर्पित एक और श्रीजैन मंदिर है जो आकर्षक वास्तुकला और सुंदर नक्काशियों के लिए प्रसिद्ध है।
खजुराहो के पास कई प्राचीन गुफाएँ हैं जिनमें प्राचीन मानव सभ्यता से संबंधित अद्भुत चित्रण और शिलालेख हैं। खजुराहो के इन स्थलों का आधुनिकीकरण और संरक्षण सभी के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह प्राचीन धरोहर देखने का अवसर मिल सके।