MP News: तेंदूपत्ता गोदाम में आग लगने के मामले में चार करोड़ रुपये के बीमा दावे में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों और गोदाम के संचालकों ने मिलकर धोखाधड़ी की और आग लगने की वजह को शॉर्ट सर्किट बताकर फर्जी दावे किए। हालांकि, जांच में पता चला कि जिन गोदामों में आग लगी, वहां बिजली का कनेक्शन ही नहीं था।
सीबीआई ने इस मामले में ओरिएंटल इंश्योरेंस के दो अधिकारियों, एक सर्वेयर, और गोदाम संचालकों सहित कुल 15 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित तरीके से धन हड़पने, और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
सीबीआई की जबलपुर यूनिट द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, मई 2022 में सात कंपनियों ने तेंदूपत्ता गोदामों का बीमा ओरिएंटल इंश्योरेंस की सतना ब्रांच से कराया था। इसके लिए उन्हें 14 बीमा पॉलिसियां दी गईं। एक महीने के भीतर, यानी जून 2022 में इन गोदामों में रहस्यमय तरीके से आग लग गई। आग लगने की वजह को शॉर्ट सर्किट बताकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
तीन महीने की जांच के बाद, ओरिएंटल इंश्योरेंस के अधिकारियों—डिवीजनल मैनेजर आरसी परतेती और डेवलपमेंट ऑफिसर विजय कुमार मोंगिया—ने फर्जीवाड़े के दस्तावेज तैयार कर चार करोड़ रुपये का बीमा दावा मंजूर कर दिया। सितंबर 2022 में सभी फर्मों को चार करोड़ रुपये की बीमा राशि भी जारी कर दी गई।
इस फर्जीवाड़े को लेकर कंपनी के आला अधिकारियों को संदेह हुआ क्योंकि बीमा कराने के एक महीने के भीतर ही आग लग गई थी और बिना किसी देरी के क्लेम पास कर दिया गया था। कंपनी की अपनी जांच में पता चला कि गोदामों में बिजली का कनेक्शन ही नहीं था, जबकि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया था। फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर, इंदौर के रीजनल मैनेजर लाल सिंह कन्नौज ने इस मामले की शिकायत सीबीआई से की।