देश में चुनाव बेहद नजदीक है। जिसके चलते सभी दिग्गज नेता इसकी तैयारी में लग चुके है। आज बुधवार को मध्य प्रदेश में चुनावी घोषणापत्र को लेकर कांग्रेस के 7 वरिष्ठ नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। लोकसभा चुनाव के दौरान यह कांग्रेस की पहली बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। हालांकि, इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ शामिल नहीं हुए।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और विभा पटेल शामिल हुए है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि देश में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। ये तानाशाही है। मैं ऐसे लोकतंत्र में नहीं रहना चाहता।
‘कानून बनाने का तरीका लोकतांत्रिक नहीं’
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप कश्मीर के लोगों की बात करते हैं तो कम से कम वहां चुनाव तो कराएं। देश की संसद लगभग काम नहीं कर रही है। अगर यह काम भी करता है, तो कानून बनाने का तरीका लोकतांत्रिक नहीं है। एक तरफ संसद चलती है। मैं इसे लोकतांत्रिक नहीं मानता और मैं इस तरह की व्यवस्था में नहीं रहना चाहता।
‘आखिर क्या कारण है कि जाति के आधार पर जनगणना नहीं हो रही?’
इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, हमें इस बात का दुख है और आश्चर्य भी है कि आखिर क्या कारण है कि जाति के आधार पर जनगणना नहीं करायी जा रही है। आमतौर पर हर 10 साल पर जनगणना होती है लेकिन 2021 में होने वाली जनगणना नहीं हो सकी। जब तक जातीय जनगणना के आंकड़े नहीं आ जाते, तब तक यह पता नहीं चलेगा कि किसकी कितनी हिस्सेदारी है।