देश की दूसरी सबसे बड़ी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदार कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कथित तौर पर रिश्वत देने के आरोप में एक प्रकरण दर्ज किया है. वहीं इस घटना से एमपी में के कई विभागों में हड़कंप मच गया है। इस कंपनी में 966 करोड रुपए के चुनावी चंदा भी इलेक्ट्रोल बॉन्ड के माध्यम से अलग अलग पार्टियों को दिया है ।
दरअसल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एमजी गोपाल रेड्डी नर्मदा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे तब से लेकर काफी समय तक मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस की मेहरबानी से मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मध्य प्रदेश में जल संसाधन विभाग में व्यावहारिक रूप से एंट्री ली थी। बाद में अपनी शर्तों पर अफरा तफरी मचाई 950 करोड़ का एक विवादित टेंडर के बाद भी व एनवीडिए। 3000 करोड रुपए का इस कंपनी को टेंडर दिया हो सकता है ।
जानकारी के अनुसार सीबीआई द्वारा उपरोक्त कंपनी पर प्रकरण दर्ज करने बाद एमपी के जल संसाधन एवं नर्मदा विकास प्राधिकरण दोनों विभागों में जांच बढ़ेगी । साथ ही सीबीआई पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस तथा नर्मदा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा और जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीष सिंह से भी पूछताछ कर सकती है। इस घटना के बाद एमपी के पूर्व आला अफसरों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।