MP Cabinet Decisions : मध्यप्रदेश विधानसभा जल्द ही पेपरलेस होने जा रही है। ‘नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन’ के तहत विधानसभा की कार्यवाही अब पूरी तरह से डिजिटल होगी। इस योजना के तहत विधायकों को टैबलेट प्रदान किए जाएंगे और विधानसभा भवन में वाई-फाई की सुविधा भी होगी।
इस योजना पर कुल 24 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार 60% (14.4 करोड़ रुपये) और राज्य सरकार 40% (9.6 करोड़ रुपये) खर्च वहन करेगी। एक साल के अंदर यह योजना पूरी तरह से लागू हो जाएगी।
इस योजना के क्या फायदे होंगे?
कागजों के उपयोग में कमी होगी, जिससे पर्यावरण का भी फायदा होगा। विधायकों के लिए विधानसभा की कार्यवाही का अध्ययन करना आसान हो जाएगा। विधानसभा का कामकाज अधिक कुशल और पारदर्शी बनेगा। डेटा का सुरक्षित भंडारण होगा और दस्तावेजों को ढूंढना आसान होगा।
मध्य प्रदेश 13वीं पेपरलेस विधानसभा बनेगी!
यह योजना देश की सभी विधानसभाओं को पेपरलेस बनाने और उन्हें एक प्लेटफॉर्म पर लाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। मध्य प्रदेश 13वीं विधानसभा होगी जो इस योजना का लाभ उठाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
कैबिनेट ने नर्मदा घाटी विकास विभाग की सात सिंचाई परियोजनाओं के टेंडर निकालने की अनुमति दी है। इन परियोजनाओं पर कुल 9 हजार 271 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सीधी जिले में नई बोकरो माइक्रो सिंचाई परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर 46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विमुक्त, घुमंतु और अर्द्धघुमंतु कल्याण विभाग के छात्रावासों और सामुदायिक केंद्रों में रहने वाले छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति बढ़ाई गई है।
इंदौर में सांवेर रोड पर निर्माणाधीन केंद्रीय जेल के शेष निर्माण कार्यों के लिए 217 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। यह योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया पहल के तहत शुरू की गई है। इससे न केवल विधानसभा का कामकाज अधिक कुशल और पारदर्शी बनेगा, बल्कि पर्यावरण का भी संरक्षण होगा।