E-समन लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश, केंद्रीय गृह मंत्री बोले- ‘सभी इसे फॉलो करें’

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ एक अहम बैठक में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इस बैठक में राज्य में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित सुधारों के लिए विभिन्न नए प्रावधानों पर चर्चा की गई। इसमें केंद्रीय गृह सचिव, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महा निदेशक, बीपीआरडी के महा निदेशक, एनसीआरबी के महा निदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य: तीन साल में न्याय की प्राप्ति

बैठक में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी मामले में FIR दर्ज करने से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल के भीतर न्याय दिलाना। उन्होंने इस दिशा में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और जोर दिया कि इन कानूनों को राज्य में शत प्रतिशत लागू किया जाना चाहिए।

पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार

अमित शाह ने विशेष रूप से आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़े मामलों में पुलिस द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा केस का मूल्यांकन किए जाने पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जानी चाहिए कि कितनी “Zero FIR” नियमित FIR में बदली गईं। इसके अलावा, शाह ने सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) के जरिए दो राज्यों के बीच FIR ट्रांसफर करने की व्यवस्था बनाने की आवश्यकता जताई।

फोरेंसिक साइंस और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर ध्यान

अमित शाह ने फॉरेन्सिक साइंस के क्षेत्र में सुधार के लिए राष्ट्रीय फॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी से समझौता (MoU) करने का सुझाव दिया। उन्होंने फिजिक्स और केमिस्ट्री बैकग्राउंड वाले छात्रों को फोरेंसिक से संबंधित डिप्लोमा कोर्स कराने और उन्हें भर्ती करने का भी प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही, उन्होंने अस्पतालों और जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया।

ई-समन और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए विशेष निर्देश

अमित शाह ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए विशेष कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि राज्य का गृह और स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों से पोस्टमार्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करने के लिए एक ठोस प्रणाली बनाएं। मध्य प्रदेश ने ई-समन के क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाई है, और शाह ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार अन्य राज्यों के अधिकारियों को ई-समन के सफल क्रियान्वयन की प्रक्रिया समझाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करे।

गरीबों के लिए न्याय की व्यवस्था और ट्रेनिंग पर जोर

शाह ने गरीबों के लिए न्याय दिलाने के उद्देश्य से विधिक सहायता की व्यवस्था और इसके लिए जरूरी ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देने की बात की। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि गरीबों का केस सही तरीके से लड़ा जाए और उन्हें त्वरित न्याय मिले। इस संदर्भ में, उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को यह सुझाव दिया कि वह नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की मासिक समीक्षा करें और संबंधित अधिकारियों को समय-समय पर अपडेट देते रहें।