इंदौर(Indore News): इंदौर शहर में 6 हजार से अधिक लोग घातक एड्स (Aids) जैसी बीमारी से पीड़ित है। बताया गया है कि इनमें से आधे तो अपना इलाज करा रहे है और आधे से अधिक मरीजों ने अपने आपको भगवान के भरोसे छोड़ दिया है। बता दें कि इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे जिले में एड्स से पीड़ित मरीजो की संख्या में हर वर्ष संख्या बढ़ रही है जो चिंता का विषय भी है।
ऐसे भी चपेट में आ जाते है संक्रमण की –
चिकित्सकों का यह कहना है कि कई लोग अनैतिक संबंधों के कारण एड्स की बीमारी से ग्रसित हो जाते है तो कई ऐसे भी होते है जो अन्य कुछ कारणों से संक्रमित होकर अपने जीवन के खत्म करने की कगार पर पहुंच जाते है। ऐसे कारणों में संक्रमित सूई के साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना प्रमुख है। ऐसे संक्रमितों की संख्या भी इंदौर जिले में बहुत अधिक रूप से सामने आ रही है।
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लापरवाही से बचाव जरूरी –
चिकित्सकों का कहना है कि लोगों की लापरवाही भी एड्स जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बन जाती है। यह पता भी होता है कि कोई व्यक्ति एड्स से ग्रसित है, बावजूद इसके जानबुझकर लोग उसकेक संपर्क में आ जाते है या फिर रक्त का उपयोग रने से भी गुरेज नहीं करते है।
महिलाओं की संख्या इतनी –
जो आंकड़े मिले है उनमें महिला मरीजों की भी संख्या कम नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला मरीजों की संख्या तीन सौ अधिक बताई गई है। जबकि पुरूष मरीजों की संख्या 6389 है। यह आंकड़ा बीते दस वर्षों का है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते वर्ष भी इंदौर जिले में चार सौ से अधिक एड्स के मरीज मिले थे।
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इलाज है तब तक ही जीवन –
चिकित्सकों का कहना है कि एड्स पीड़ित का इलाज जब तक चलता है तभी तक ही वह अपना जीवन बचा सकता है। जैसे ही इलाज बंद हुआ, वह इस दुनिया को छोड़ जाता है।
इतना ही खर्च करती है सरकार –
एड्स नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की यदि माने तो सरकार जरूर इलाज पर खर्च करती है लेकिन एक मरीज पर सालभर के दौरान यह राशि एक लाख पचास हजार ही होती है।