प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने गरीबों के हित के लिए बड़ा ऐलान किया है। देश की 80 करोड़ जनता को अगले एक साल तक मुफ्त अनाज दिया जाएंगा। इसके लिए कैबिनेट में फैसला भी लिया जा चुका है। वही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बताया कि, सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। इससे केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राशन के लिए गरीबों को एक भी रुपये नहीं देना होगा। इस योजना पर सरकार हर साल 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
इतने लाख आएंगा खर्चा
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है। सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि सितंबर में सरकार ने इस योजना की समयसीमा को तीन महीने के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। कोविड के समय गरीब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह योजना लाई गई थी। बीते 28 महीने में सराकर ने गरीबों को मुफ्त राशन पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए।
4 किलोग्राम गेहूं और 1 किलोग्राम
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मार्च 2020 में कोविड संकट के दौरान लागू किया गया था। इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिलता है। इसके तहत बीपीएल कार्ड वाले परिवारों को हर महीने प्रति व्यक्ति 4 किलोग्राम गेहूं और 1 किलोग्राम चावल मुफ्त दिया जाता है। बीते कई महीनों से इस योजना को बढ़ाया जा रहा है।
इससे पहले 3 महीने के लिए बढ़ाई गई थी योजना
इस योजना को सबसे पहले मार्च 2020 में पहले चरण 3 महीनों यानी अप्रैल-जून 2020 के लिए पहले चरण में लागू किया गया था। अब तक इस स्कीम के 7 चरण हो चुके हैं। मार्च 2022 में इसे 6 महीने के लिए यानी सितंबर तक बढ़ाया गया। उसके बाद तीन महीनों के लिए यानी दिसंबर और अब केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना को एक साल तक के लिए बढ़ा दिया है।