भूखा बच्चा लिए गोद में लिए कोलकाता में हुई “प्रवासी मां” की प्रतिमा स्थापित

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By Shivani RathorePublished On: October 17, 2020

महामारी ने छीनी रोटी
पैदल अपने गांव चली।
भूखा बच्चा लिए गोद में
मैया नंगे पांव चली।

छोड़-छाड़ कर शहर-ए-बेदिल,
दूर बहुत है उसकी मंज़िल।
तन बेदम है, मन है व्याकुल,
सहकर कितने घाव चली।
…मैया नंगे पांव चली।

भूखा बच्चा लिए गोद में लिए कोलकाता में हुई "प्रवासी मां" की प्रतिमा स्थापित

देहरी-आंगन पीछे छूटे,
आस है घायल, सपने टूटे।
पड़ गए पैरों में छाले
छोड़ कर ठंडी छांव चली।
..मैया नंगे पांव चली।

उसकी गठरी में है ममता,
बच्चों के पालन की क्षमता।
उसका ज़िंदाबाद हौसला,
लेकर यही स्वभाव चली।
.. मैया नंगे पांव चली।

-हर्षवर्धन प्रकाश
(कोलकाता की बरीशा क्लब दुर्गा पूजा कमेटी ने इस बार अपने पंडाल में “प्रवासी मां” की प्रतिमा स्थापित की है)