इंदौर, मेरे अपनो का शहर

Author Picture
By Shivani RathorePublished On: April 17, 2021
dheryashil

धैर्यशील येवले, इंदौर

सपनो का शहर
अपनो का शहर
इंदौर है ,
मेरे अपनो का शहर

थाम लो हाथ
एक दुजे के
होलो साथ
एक दूजे के
डट कर करेंगे सामना
हो कोई भी कहर
सपनो का शहर
अपनो का शहर
इंदौर है ,
मेरे अपनो का शहर ।।

जीत हमारे
रग रग में है
दौड़ हमारे
पग पग में है
विष बदलेगा
अमृत में
बहे चाहे जहर
सपनो का शहर
अपनो का शहर
इंदौर है ,
मेरे अपनो का शहर ।।

होगी भोर सुहानी
लिखेंगे नई कहानी
लबो पर मुस्कान
देखेगी दुनिया जहान
रौशन होंगे ठिये
झूमेंगे बिन पिये
हम रखते वो आन
हमी शहर की शान
होने वाली है सहर
सपनो का शहर
अपनो का शहर
इंदौर है ,
मेरे अपनो का शहर ।।

मंदिर से उठेगी
मस्जित से उठेगी
सलामती के लिए
घर घर से उठेगी
आवाज़ हर दिल की
इबादत को उठेगी
जागेगी हर पहर
सपनो का शहर
अपनो का शहर
इंदौर है ,
मेरे अपनो का शहर ।।

हो न उदास
हम है न आसपास
नज़रे उठा के देख
कितने करीब है देख
मन मे रख विश्वास
नही टूटेगी श्वास
जीवन की डोर
नही होती कमजोर
है रात का ये
अंतिम पहर
सपनो का शहर
अपनो का शहर
इंदौर है ,
मेरे अपनो का शहर ।

धैर्यशील येवले, इंदौर