सुबह की शुरुआत: parle-g की सफलता की कहानी के साथ

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By Rishabh NamdevPublished On: October 11, 2023

जब हम भारतीय बिस्कुटों की बात करते हैं, तो एक नाम जो हमेशा सबसे पहले आता है, वह है ‘Parle-G’। यह बिस्कुट न केवल हमारी रोज़ाना की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि इसकी सफलता की कहानी भी बेहद प्रेरणास्पद है। Parle-G की सफलता की इस कहानी के पीछे छुपे तथ्यों को जानने के लिए हम थोड़ा समय व्यतीत करते हैं।

Parle-G, जिसका पूरा नाम Parle Glucose है, भारत में सबसे प्रसिद्ध और प्रेमिक बिस्किट ब्रांडों में से एक है। यह एक बड़ी भारतीय बिस्किट निर्माण कंपनी, Parle Products Pvt. Ltd. के द्वारा उत्पादित की जाती है। Parle-G बिस्किट्स ने भारतीय घरों में एक अभिन्न हिस्सा बना लिया है और यह बचपन की यादों का स्वाद प्रस्तुत करता है।

सुबह की शुरुआत: parle-g की सफलता की कहानी के साथ

Parle-G का आरंभ

Parle-G का इतिहास विभिन्न उल्लेखनीय मोड़ों से भरा हुआ है, लेकिन यह कहानी उनके उत्पादन के आरंभ के बारे में है। Parle-G की कहानी 1939 में आई, जब हमारे महान पूर्वज और विशेषज्ञ व्यवसायी भाउ Balwa ने पहली बार इसे तय किया। वे नागपुर, महाराष्ट्र, से थे और वहां का पॉलिटेक्निक में पढ़ने के बाद बिस्किट निर्माण के क्षेत्र में कदम रख चुके थे।

1947 में, उन्होंने इसका नाम “Parle-G” रखा, जो कि ग्लूकोज और जिन्स का संक्षेप है, जिससे यह जाना जाता है कि यह एक ग्लूकोज-रिच बिस्किट है जो ताकत और ऊर्जा प्रदान करती है।

Parle-G की सफलता की कहानी

Parle-G की विशेषता उसके आकर्षक मूल स्वाद और मानक बिस्किट की अलग पहचान है। यह बच्चों, युवाओं, और वयस्कों सभी को पसंद आती है, जो इसे भारतीय बाजार में एक ऐसी ब्रांड बना दिया है जिसके साथ सभी का संबंध है।

Parle-G का मूल स्वाद और साथी रूप में उपयोग करने के लिए उपलब्ध होने के कारण, यह बिस्किट हाथों में आने वाली चाय के साथ एक अच्छी सी चयन है। इसका छोटा आकार और आराम से बटवर्ग में रखने की सुविधा इसे यात्रा, स्कूल, काम, या बस जाने के समय के लिए भी उपयोगी बनाती है।

Parle-G के इस सफल उत्पाद के पीछे की सफलता का एक अहम हिस्सा भारतीय परंपरागत भोजन, जैसे कि चाय और बिस्किट, के साथ बचपन की यादों को महसूस कराने में है।

समाज सेवा में योगदान

Parle-G के नींवकर्ता भऊ बलवा का धर्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण भी उनकी कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे निरंतर सामाजिक सेवा में योगदान करते रहे हैं और विभिन्न सामाजिक कार्यों का समर्थन करते हैं। Parle-G की यह कहानी हमें दिखाती है कि संघर्ष और मेहनत के साथ सफलता हासिल की जा सकती है और यह भारतीय ब्रांड के रूप में प्रमुख बढ़ती जा रही है।