Aaj Ka Lahsun Bhav: लहसुन की कीमतों ने भारत की मंडियों में तहलका मचा दिया है! 15 मई, 2025 के मंडी भाव के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, और राजस्थान के शहरों में लहसुन के दाम आसमान छू रहे हैं। बढ़ती मांग, कम आपूर्ति, और मौसमी दिक्कतों ने इस रसोई के जरूरी सामान को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है। नीचे इन 5 राज्यों के 30 शहरों के ताजा मंडी भाव दिए गए हैं, जो इस उछाल की कहानी बयां करते हैं।
उत्तर प्रदेश: लहसुन का महंगा स्वाद
उत्तर प्रदेश में लहसुन की औसत कीमत ₹7500/क्विंटल है। लखनऊ में ₹7600, कानपुर में ₹7450, वाराणसी में ₹7700, आगरा में ₹7400, मेरठ में ₹7500, गोरखपुर में ₹7650, आजमगढ़ में ₹7300, अलीगढ़ में ₹7350, प्रयागराज में ₹7550, और बरेली में ₹7450 प्रति क्विंटल का भाव रहा। कीमतों की यह तेजी हर घर को परेशान कर रही है।

मध्य प्रदेश: दामों का तड़का
मध्य प्रदेश में औसत कीमत ₹7200/क्विंटल है। इंदौर में ₹7300, भोपाल में ₹7250, ग्वालियर में ₹7100, जबलपुर में ₹7150, रीवा में ₹7050, सागर में ₹7200, रतलाम में ₹7000, नीमच में ₹7350, मंदसौर में ₹6900, और देवास में ₹7100 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ। मंदसौर में कीमतें थोड़ी कम रहीं, लेकिन उछाल बरकरार है।
महाराष्ट्र: लहसुन की चढ़ती चाल
महाराष्ट्र में औसत कीमत ₹7400/क्विंटल है। मुंबई में ₹7500, पुणे में ₹7400, नासिक में ₹7300, नागपुर में ₹7550, औरंगाबाद में ₹7350, और सोलापुर में ₹7280 प्रति क्विंटल का भाव रहा। पिपल मंडी में ₹7600/क्विंटल तक कीमतें पहुंचीं, जो तेजी का संकेत है।
बिहार: कीमतों का झटका
बिहार में औसत कीमत ₹7000/क्विंटल है। पटना में ₹7100, गया में ₹6900, भागलपुर में ₹7000, मुजफ्फरपुर में ₹7050, दरभंगा में ₹6950, और पूर्णिया में ₹7020 प्रति क्विंटल का भाव रहा। कम आवक ने कीमतों को और ऊंचा कर दिया।
राजस्थान: महंगाई की आंधी
राजस्थान में औसत कीमत ₹7600/क्विंटल है। जयपुर में ₹7700, जोधपुर में ₹7500, उदयपुर में ₹7600, बीकानेर में ₹7450, कोटा में ₹7650, और अलवर में ₹7750 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ। अलवर में मांग बढ़ने से कीमतें सबसे ज्यादा रहीं।
कीमतों में उछाल का राज
लहसुन की कीमतों में यह तेजी कम उत्पादन और भंडारण की समस्याओं से आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मांग बढ़ने और आपूर्ति कम होने से बाजार में उथल-पुथल मची है। देशभर में औसत मंडी भाव ₹7500/क्विंटल के आसपास है, जो आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है।
राहत की कितनी उम्मीद?
2025 में बेहतर फसल की उम्मीद है, लेकिन भंडारण और वितरण की दिक्कतें बनी रह सकती हैं। सरकार आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन तब तक स्थानीय बाजारों से सस्ती खरीदारी ही राहत दे सकती है। लहसुन की यह महंगाई अब हर रसोई की चिंता बनी हुई है।