कीर्ति राणा
प्रदेश की भाजपा सरकार में चल रही उथल पुथल के बीच पिछले चार दिनों से सत्ता और संगठन में बदलाव की बातें चल रही हैं। सत्ता संगठन पर अंकुश लगाने वाले बड़े नेता तलाश रहे हैं कि शोले फिल्म की तरह भाजपा में हरि राम कौन है? भोपाल से लेकर दिल्ली तक होने वाली बंद कमरा बैठकों की चर्चा नेताओं के बाहर आने से पहले मीडिया की सुर्खियां कैसे बन जाती हैं। भाजपा की रीति-नीति सबको पता है ठंडा कर के खाने की।
![चुनावी चटखारे : भाजपा नेता तलाश रहे हैं आखिर कौन है हरिराम ? 4](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2023/05/WhatsApp-Image-2023-05-27-at-3.41.23-PM.jpeg)
यानी जब हल्ला मचा हो तब तो कोई बदलाव होता नहीं है लेकिन ये हल्ला भी अंदर की बातें बाहर आने के बाद ही मचता है।बड़े नेताओं के जासूस अब यही तलाश रहे हैं कि अंदर की बातें खबरें कैसे बन रही हैं? ताजा मामला तो केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का ही है, वो अच्छा भला अपना मंत्रालय संभाल रहे हैं लेकिन नमक-मिर्च के साथ अंदर से बाहर आई खबर ने उन्हें भाजपा अध्यक्ष बना डाला। धड़ाधड़ बधाई के फोन चल पड़े, खुद पटेल हैरान-परेशान की सूत ना कपास, जुलाहे से लट्ठमलट्ठा कैसे होने लगा।
कमलनाथ को पसंद करने वाले रघुनंदन शर्मा
भाजपा नेता-पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा तो अकसर भाजपा सरकार पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाने के साथ शिवराज सरकार की खामियां गिनाते ही रहते हैं। अब एक दूसरे रघुनंदन शर्मा भी शिवराज सरकार से नाराज हो गए हैं। इन्हें भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता सीधे तौर पर तो आसानी से नहीं जानते लेकिन बजरंग सेना का नाम आते ही उसके प्रदेश संयोजक के नाते इनका नाम याद आ जाता है।यह बात अलग है कि मप्र में बजरंग सेना की अपेक्षा बजरंग दल का नाम सरकार और पुलिस विभाग के अधिक लिए जाना-पहचाना है।
कुछ समय पहले भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हुए थे।हाल ही में उनसे हुई मुलाकात के बाद से बजरंग सेना के प्रदेश संयोजक रघुनंदन शर्मा को भी कमलनाथ अच्छे लगने लगे हैं। 7 जून को बजरंग सेना भोपाल में एक भगवा रैली आयोजित कर रही ।ये भगवा रैली एमपीसीसी भवन के सामने से निकलेगी और कमलनाथ सहित अन्य कांग्रेस नेता इसका जोर-शोर से स्वागत, पुष्पवर्षा भी करेंगे।
बजरंग सेना के प्रदेश संयोजक शर्मा का यह भी दावा है कि सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर पटेरिया ने उन्हें इस सारे आयोजन के लिए अधिकृत किया है।भाजपा के पितृपुरुष रहे कुशाभाऊ ठाकरे के साथ 1980 से पार्टी में सक्रिय रघुनंदन शर्मा का यह कहना भी चौंकाने वाला है कि प्रदेश में बजरंग सेना कार्यकर्ताओं को सरकार के अत्याचार का शिकार होना पड़ रहा है वो यही कारण बताते हैं कि इस सरकार से मोहभंग होने के कारण हिंदू हितों की बात करने वाले-बजरंग भक्त कमलनाथ ज्यादा बेहतर लगते हैं।
हर हलचल में नाम रहता ही है
मप्र में शिवराज सरकार में उठापटक या भाजपा की राजनीति में उथलपुथल हो और इंदौर का नाम नहीं आए यह असंभव है। अब देखिये ना शिवराज सिंह चौहान ने जब जब मंत्रिमंडल में फेरबदल किया, एक ही नाम उछलता रहा कि दादा दयालु को शामिल कर रहे है। निगम मंडल के लिए नाम चले तो भी विधायक रमेश मेंदोला का नाम उछला कि बस कल घोषणा हो जाएगी लेकिन हर बार हुआ यही कि मौका किसी और को मिला, दादा दयालु के समर्थकों को मन मार कर स्वागत के लिए पार्टी कार्यालय जाना पड़ा।
इसी तरह जब जब संगठन-सत्ता प्रमुख को बदले जाने की आंधी उठी, शिवराज सिंह को यकायक दिल्ली धोक लगाने जाना पड़ा विकल्प में इंदौर से एक ही नाम चर्चा में उभरता रहा कैलाश विजयवर्गीय बन रहे हैं, बस घोषणा होने वाली है।जाने कितनी बार ये आंधी ठंडी हो गई और समर्थक भी निराश हो गए।अब फिर उनका नाम चल रहा है, संगठन को जो करना हो करे लेकिन उन्हें मौका मिल जाए तो आम इंदौरी तो खुश ही होगा कि महापौर रहते इंदौर के कायाकल्प की शुरुआत करने वाले विजयवर्गीय सरकार और संगठन में भी और बेहतर कर के दिखाएंगे।
घायल की गति घायल जाने
मप्र भाजपा अध्यक्ष पद से हटाए जाने के एक दिन पहले वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा की मुलाकात चर्चा में है।दोनों तो बताएंगे नहीं कि मुलाकातहुई तो क्या बात हुई लेकिन इतना तय है मौसम और चालू हुए नौतपा की तो चिंता नहीं की होगी।शिवराज समर्थकों की मानें तो वीडी भाई साब ने शिवराज के हाथों शिकार होने का अपना दुखड़ा रोया होगा तो ढाढस बंधाते हुए नरोत्तम ने समझाया होगा तुमने तो अपने मन की मुझ से कह दी मैं किस से कहूं।