इंदौर। इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले में एक मेगा मेडिकल कैंप का आयोजन आने वाले समय में होगा। संभागायुक्त मालसिंह ने आज गूगल मीट के माध्यम से संभाग के सभी सीईओ जिला पंचायत और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। संभागायुक्त मालसिंह ने कहा कि यह मेगा मेडिकल कैंप ऐसे स्थान पर होना चाहिए, जहां अभी स्वास्थ्य सुविधाएँ नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थल का चयन ऐसे स्थान पर करें जहां पर 40 डॉक्टर आवश्यक मशीनों के साथ मौजूद रहकर ग्रामीणों का इलाज कर सके। इस मेगा कैम्प में मेडिकल कॉलेज और इंदौर के निजी हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ जिला स्तर के डॉक्टर भी उपस्थित रहकर अपनी सेवाएं देंगे। मेडिकल कैंप में एक्स-रे, सोनोग्राफी मशीनों सहित पैथोलॉजिकल टेस्ट भी हो सकेंगे। संभाग आयुक्त द्वारा इस संबंध में संजय सराफ को समन्वय कर तिथि तय करने के निर्देश दिए।
संभागायुक्त द्वारा बैठक में संभाग के सभी जिलों में मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के बीच समीक्षा की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर अनिवार्य रूप से अपने मुख्यालय में रहें और ग्रामीणों के लिए सहज रूप से उपलब्ध हो। इस संबंध में उनके मुख्यालय पर रहने की जवाबदारी उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की तय की। उन्होंने कहा कि सभी सीएमएचओ निरंतर फील्ड में घूमे और शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आम आदमी को मिलना सुनिश्चित करें। उन्होंने ज़िलों में मौजूदा सिविल हॉस्पिटल, डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की उपलब्धता की जानकारी भी ली।
मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आलीराजपुर और झाबुआ में अच्छा कार्य होने पर उन्होंने संबंधित कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारियों को शाबाशी दी। वहीं जिन जिलों में विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी देखी गई उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला का शत-प्रतिशत पंजीयन होना जरूरी है, ऐसा नहीं होने पर उसे आगे का लाभ नहीं मिलेगा। मालसिंह ने चेताया कि वे भविष्य में गाँव में जाकर देखेंगे और अगर कहीं पर लापरवाही परिलक्षित हुई तो कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
मातृ मृत्यु दर की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि इस संबंध में सही रिपोर्टिंग होनी चाहिए। किसी भी जिले में अंदाज़ से कोई डाटा फीड नहीं होगा। जननी सुरक्षा योजना में संभाग में लगभग 6 हज़ार की संख्या में भुगतान लंबित होने पर उन्होंने असंतोष जताया और बड़वानी में लगभग 2 हज़ार की संख्या लंबित होने पर उन्होंने सीएचएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि आधार कार्ड और समग्र आईडी की फीडिंग में देरी होने के कारण यह पेडेंसी हुई है।
संभागायुक्त द्वारा प्रसूति सहायता योजना की भी समीक्षा की गई। खंडवा जिले में जीरो पेडेंसी बताए जाने पर उन्होंने प्रश्नचिन्ह लगाया और कहा की स्वास्थ्य सेवाओं में आंकड़ों की कोई बाजीगरी नहीं होनी चाहिए। सीएम हेल्पलाइन की भी संभागायुक्त द्वारा समीक्षा की गई। बताया गया कि समूचे संभाग में लगभग 1686 प्रकरण पेंडिंग हैं। उन्होंने सभी सीएमएचओ को तत्परतापूर्वक इनका निराकरण करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त द्वारा शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम की भी समीक्षा की गई। अप्रैल से लेकर अभी तक टीकाकरण में 89 प्रतिशत की उपलब्धि बतायी गई। झाबुआ में सर्वाधिक 101 प्रतिशत टीकाकरण पाया गया।
संभागायुक्त द्वारा आयुष्मान भारत की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि यह गरीबों और आम आदमी के उपचार की महत्वपूर्ण योजना है। इसका लाभ प्रत्येक जरूरतमंद को मिलना सुनिश्चित होना चाहिए। इंदौर में 100 प्रतिशत लक्ष्य के अनुरूप कार्ड बनाए जाने पर उन्हें ने प्रसन्नता जाहिर की, वही अन्य सभी जिलों को एक माह की मोहलत दी कि वे इस अवधि में अपना शत-प्रतिशत पंजीयन कर लें।