उज्जैन में मेडीकल कॉलेज: “देर आयद, दुरुस्त आयद!”

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भोपाल स्थित वल्लभ भवन के गलियारों में उज्जैन को लेकर अच्छी हलचल मच रही है। छन-छन कर मिल रही सूचनाओं केअनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत होने वाले बजट में इस बार उज्जैन में प्रस्तावित मेडीकल कॉलेज की स्थापना के लिए राशि आवंटन का प्रावधान किया जा रहा है। आम जनता, जिसने कोरोना की दो-दो भीषण लहर में लगातार अनेक विपत्तियां झेली हैं, के लिए उक्त आशय की सूचना राहत भरी हो सकती है। जागरूक लोगों को भी धन्यवाद दिया जा सकता कि उन्होंने इस क्षेत्र की बरसों-बरस पुरानी इस मांग को जिंदा बनाए रखा।

जनप्रतिनिधियों का भी आभार व्यक्त किया जाना चाहिए कि उन्होंने इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी के मुंह में घी-शक्कर, जिन्होंने 19 मई 2021 को उज्जैन में की गई अपनी घोषणा को क्रियान्वित करने की दिशा में ठोस शुरूवात कर दी है। विधायक और पूर्व मंत्री पारस जैन का ये हसीन सपना था सांसद अनिल फिरोजिया ने तो बच्चों की तरह जिद पकड़ ली थी और यदि ठान लें तो तारों को भी जमीन पर उतार देने की क्षमता रखने वाले काबीना मंत्री मोहन यादव तो सबसे अव्वल निकले।

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कलेक्टर आशीष सिंह भी अब पक्के उज्जैनी हो चले हैं! पिछले 6-8 माह से धुन रमाए बैठे हैं, हर हाल में मेडीकल कॉलेज की नींव डल जाए तभी मानूंगा कि क्षिप्रा में डुबकी लगा ली। इनकी टीम ने आगर रोड पर नरेश गिनिंग फैक्ट्री की जो बेशकीमती जमीन खाली करवाई थी, अब वहीं मेडीकल कॉलेज बनाने का भी निर्णय लिया गया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले दो-तीन वर्षों में उज्जैन का अपना मेडीकल कॉलेज व्यवस्थित रूप से आरंभ हो जाएगा। ऐसा होने पर सीमावर्ती जिलों के लाखों-लाख ग्रामीण और खासकर गरीब लोगों की इमदाद की जा सकेगी! इंदौर जाने की भागदौड़ और खर्चीले इलाज से भी मुक्ति मिल सकेगी।