नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रसिद्ध नेता मेधा पाटकर ने सरदार सरोवर बांध को लेकर मध्य प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 14 जून को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बांध के प्रभावित लोगों का पुनर्वास पूरी तरह से नहीं किया गया है।
इस मुद्दे पर आवाज उठाने और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए मेधा पाटकर ने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया है। सत्याग्रह के तहत, वे भूख हड़ताल पर बैठी हैं और अपने समर्थकों के साथ नर्मदा नदी के किनारे धरना दे रही हैं।
उनका कहना है कि बांध के कारण विस्थापित हुए सभी लोगों का अभी तक उचित पुनर्वास नहीं किया गया है। कई लोग अभी भी टीन शेड में रहने को मजबूर हैं, और उन्हें आवंटित की गई जमीनें अनुपयुक्त या विवादित हैं। वहीं मेधा पाटकर चाहती हैं कि सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 122 मीटर पर ही रोक दिया जाए। उनका तर्क है कि इससे विस्थापित लोगों की जमीनें डूबने से बच जाएंगी।
उन्होंने कहा कि आज भी मध्य प्रदेश के लोग जिन्हें गुजरात में जमीन मिली है, वह परेशान है। उनका कहना है, कि बांध के जलस्तर को 122 मीटर तक ही सीमित किया जाए। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर मेधा पाटकर आज से सत्याग्रह भूख हड़ताल शुरु कर रही है।