विकसित भारत 2047 विचार श्रृंखला में अधो संरचना विकास और औद्योगिक विकास पर हुई सार्थक चर्चा

Share on:

अगले 23 वर्षों में भारत बनेगा विश्व का विकसित देश 

इंदौर । पूरे विश्व में भारत इस समय तीसरी सबसे बड़ी डिजिटल इकोनामी बन गया है । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में हम विश्व में चौथे स्थान पर है । स्टार्टअप के क्षेत्र में हम तीसरे स्थान पर हैं और अधो संरचना का विकास तेज गति के साथ हो रहा है । गरीबों की संख्या घट रही है । यह सारी स्थिति इस बात का संकेत दे रही है कि आजादी के 100 वर्ष होने पर वर्ष 2047 में भारत विश्व में विकसित भारत के रूप में सामने होगा।

यह विचार इंदौर उत्थान अभियान तथा मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई विकसित भारत 2047 विचार श्रृंखला में विषय विशेषज्ञों के द्वारा व्यक्त किए गए । इस आयोजन को लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष राजीव मिश्रा, अर्थशास्त्री डॉ जयंतीलाल भंडारी , विकास के क्षेत्र के विशेषज्ञ अजीत सिंह नारंग, पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी तथा एसोसिएशन आफ इंडस्टरीज मध्य प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अशोक बडजात्या ने संबोधित किया । कार्यक्रम के प्रारंभ में विषय प्रस्तावना करते हुए अजीत सिंह नारंग ने कहा कि वर्ष 2047 में भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं । इस मौके पर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में तेज गति के साथ कार्य हो रहा है । इन कार्यों का अलग-अलग क्षेत्र में मूल्यांकन करने और उसमें सामने आ रही चुनौतियों को समझने के लिए इस विचार श्रृंखला के आयोजन को शुरू किया गया है।

देश में अधो संरचना के विकास की चर्चा करते हुए नारंग ने कहा कि वर्ष 2014 में हमारे देश में 91278 किलोमीटर सड़क थी, 10 साल में सड़क की लंबाई बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गई । इस तरह मात्र 10 साल की अवधि में हमारे देश में 55000 किलोमीटर सड़क बना दी गई । इस रोड नेटवर्क के कारण पूरी दुनिया में हम दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं । जब तक देश में सड़क का जाल नहीं होगा तब तक देश स्वस्थ नहीं रह सकता है । ऐसी स्थिति में हमारे देश में नेशनल हाईवे, एक्सप्रेस हाईवे, मल्टीलेवल रोड और फ्लाईओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं । पहाड़ों के सीने को काटकर तो समुद्र के नीचे से टनल बनाकर रास्ता सुगम किया जा रहा है । इस अधो संरचना के विकास के कारण देश में सड़क का जाम कम हुआ । जिसके चलते हुए नागरिकों के करोड़ों घंटे और फ्यूल बच सका है। नारंग ने कहा कि रेल के क्षेत्र में वर्ष जो 2014 में हमारे देश का बजट 28000 करोड़ हुआ करता था जो कि अब बढ़कर 2.55 लाख करोड़ हो गया है । रेल का 14895 किलोमीटर का नेटवर्क था, जो कि अब बढ़कर 30000 किलोमीटर का हो गया है । देश में अमृत भारत, वंदे भारत, नमो भारत योजना के तहत रेल के विकास को एक नई गति दी जा रही है । ऐसे ही विकास की स्थिति हवाई यातायात और समुद्र के यातायात के क्षेत्र में भी बनी है ।

उद्योगपति अशोक बडजात्या ने कहा कि आज छोटे-छोटे उद्योग को भी आसानी के साथ कम ब्याज पर लोन दिया जा रहा है । पहले लोन लेने के लिए उसके साथ में कुछ न कुछ सामान गिरवी रखना पड़ता था लेकिन अब यह स्थिति भी नहीं रही है । सरकार के द्वारा छोटे और मध्यम उद्योगों को मजबूत करने के लिए 45 दिन में माल की खरीदी के भुगतान का नियम बनाया गया है । यह नियम इन उद्योगों के लिए ज्यादा बेहतर साबित होगा । इज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत लाइसेंस की सारी व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया गया है । सरकार के द्वारा जैम पोर्टल के माध्यम से खरीदी को शुरू कर एक नई व्यवस्था को आकार दिया गया है । अब आवश्यकता है कि उद्योगों को लीज पर दी गई जमीन को फ्री होल्ड कर दिया जाए ।

उद्योगपति गौतम कोठारी ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में जो औद्योगिक निवेश आ रहा है उसमें से 80% निवेश इंदौर जोन में आ रहा है । बहुत सीधी बात है कि जब हम उद्योगों को सुविधाएं देंगे तो निवेश आएगा । जरुरत इस बात की है कि हम उद्योगों को सस्ती बिजली देना शुरू करें तो उद्योगों की भीड़ लग जाएगी ।स्पेशल इकोनामिक जोन में सस्ती बिजली दी जा रही है तो उसके कारण वहां से 12000 करोड रुपए का एक्सपोर्ट हो रहा है।

राजीव मिश्रा जी ने कहा कि भारत को कृषि प्रधान देश कहते हुए गलत कहा जा रहा है। यह देश कृषि प्रधान होने के साथ-साथ उद्योग प्रधान देश है । किसी भी देश की प्रगति तब होती है जब वहां पर उत्पादन ज्यादा होता है । वर्ष 1780 में हमारे देश से विश्व का कुल 35% एक्सपोर्ट होता था जबकि 1950 में यह घटकर 4% हो गया था । आज हमारे देश का युवा नौकरी करना चाहता है । हमें यह समझना होगा कि देश का विकास उद्योग और व्यापार से होगा ।

अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने कहा कि इस समय पूरे विश्व में इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या भारत 2047 में विकसित देश बन जाएगा । हमें शहर के विकास और देश के विकास में भूमिका को जोड़ना होगा । इस समय पूरे विश्व में मात्र 38 देश ऐसे हैं जो कि विकसित देश है । विश्व बैंक ने इसके लिए जो पैरामीटर तय किए हैं उसके अनुसार देश में प्रति व्यक्ति की वार्षिक आय 12000 डॉलर से ज्यादा होना चाहिए, अधो संरचना मजबूत होना चाहिए, छोटे उद्योगों का भी विकास होना चाहिए, गरीबों की संख्या कम होना चाहिए, मानव विकास सूचकांक बेहतर होना चाहिए व भ्रष्टाचार में कमी आना चाहिए । हमारे देश में पिछले 10 साल में 50 करोड़ गरीबों के जनधन खाता खुल गए । जिसके माध्यम से वे लोग डिजिटल बैंकिंग से जुड़ गए हैं । देश में 80 करोड़ परिवारों को फ्री में खाद्यान्न दिया जा रहा है । 10 वर्ष पूर्व हमारे देश में गरीबों की संख्या 40 करोड़ थी जो अब घटकर 15 करोड़ हो गई है । इस तरह से भारत में विकसित देश के रूप में परिवर्तित होने की सभी संभावनाएं मौजूद है । कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत ईश्वर बाहेती, सुरेंद्र वर्मा, सुरेश हरियाणी, महेश गुप्ता, दिलीप देव, डॉ मकरंद शर्मा ने किया ।