Makar Sankranti 2022 : हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। जैसा की आप सभी लोग जानते हैं यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। मान्यताओं के अनुसार मकर सक्रांति के दिन को नए फल और नए ऋतु के आगमन के लिए मनाया जाता है।
इस दिन हजारों की संख्या में लोग गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान और दान करने के लिए जाते है। मकर सक्रांति के दिन को दान पुण्य का दिन माना जाता है। इस दिन दान करने से काफी ज्यादा लाभ मिलता है। वहीं इसके अलावा मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर सक्रांति से जुड़ी कई कथाएं है। जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते है –
इस वजह से सूर्य देव को मिला था श्राप –
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान सूर्य देव की दो पत्नियां थीं। एक का नाम छाया और दूसरी का नाम संज्ञा था। लेकिन कहा जाता है कि शनि देव को सूर्य बिल्कुल पसंद नहीं करते है। ऐसे में छाया और शनि महाराज को एक दिन सूर्य देव ने एक घर दिया। इस घर का नाम कुंभ था। काल चक्र के मुताबिक, 11वीं राशि कुंभ है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, सूर्य ने घर देकर शनि देव को अलग कर दिया। ऐसे में छाया काफी क्रोधित हो उठीं। और उन्होंने सूर्य देव को कुष्ट रोग का श्राप दे डाला। इसलिए उन्हें पीड़ा में देख उनकी दूसरी पत्नी संज्ञा ने भगवान यमराज की आराधना की। जिसके बाद तपस्या से प्रसन्न होकर यमराज सूर्य देव को श्राप से मुक्ति कर दिया।
डिसक्लेमर –
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